गोंडा में रेप पीड़िता महिला द्वारा आत्महत्या करने के मामले में परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ कार्र्वाई न होने से शव का दाह संस्कार से इनकार कर दिया है. सड़क पर शव रखकर सैकड़ों लोगों ने रोड जाम कर दिया. इसके चलते काफी देर तक हंगामा जारी रहा. आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं ने हाथापाई की कोशिश की. पुलिस द्वारा कार्यवाही और गिरफ्तारी के आश्वासन पर लोग मान गए.
यह भी पढ़ेंः यूपी के गोंडा में पुलिसकर्मी बार बाला पर पैसे उड़ाता कैमरे में कैद, वीडियो हुआ वायरल
बता दें न्याय न मिलने से हताश सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने सोमवार को कमरे में फांसी लगा ली. इससे पहले उसने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने विवेचना करने वाले दो निरीक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, जबकि कोतवाल को भी हटा दिया.
यह भी पढ़ेंः गोंडा: जब कुएं में गिरा घोड़ा तो ऐसे बचाई जान, देखें वीडियो
पीड़ित के पति ने बताया कि वह रोजी-रोटी के सिलसिले में हरियाणा गया था. इसी का फायदा उठाकर गांव के ही श्याम कुमार उर्फ बुधई व शंकर दयाल उर्फ बबलू उसकी पत्नी के पास पहुंचे. उसके हरियाणा में किसी दूसरी महिला से संबंध हो जाने की बात कहकर पत्नी को गुमराह करने लगे. दोनों लोगों ने खुद को तांत्रिक विद्या का जानकर बताकर उसे ब्लैकमेल किया. गत वर्ष सात फरवरी को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करके वीडियो बना लिया. वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करते रहे.
यह भी पढ़ेंः सपा-बसपा गठबंधन में शामिल होगी आरएलडी, इन सीटों पर बनीं सहमति !
पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन विवेचक इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इससे आहत पीड़िता ने लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने 15 सितंबर 2018 को आत्मदाह करने की कोशिश की.
Source : News Nation Bureau