BHU में फिर बवाल, सड़कों पर उतरे छात्र, प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने निलंबित प्रोफेसर एस.के. चौबे को कथित तौर पर फिर से बहाल करने का विरोध किया है.
वाराणसी:
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों ने निलंबित प्रोफेसर एस.के. चौबे को कथित तौर पर फिर से बहाल करने का विरोध किया है. प्रोफेसर कुछ छात्राओं को शर्मसार करने वाले और भद्दी टिप्पणियां करने के मामले में दोषी पाए गए थे. चौबे की बर्खास्तगी की मांग को लेकर छात्राओं ने शनिवार रात को धरना शुरू कर दिया. तख्तियां लेकर छात्राओं ने बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि प्रोफेसर वर्तमान में प्रतिबंधित हैं और जिम्मेदारी का कोई पद नहीं संभाल सकते हैं.
Varanasi: Students of Banaras Hindu University(BHU) protest in campus against reinstatement of suspended Prof SK Chaube, accused of molesting a girl student. Registrar says "He was earlier suspended&is now censored.Matter will again be taken to BHU's highest decision making body" pic.twitter.com/lLaoTmlz7x
— ANI UP (@ANINewsUP) September 14, 2019
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बीएचयू के रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अब प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस मामले को फिर से बीएचयू में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय तक ले जाया जाएगा. त्रिपाठी ने कहा कि उपकुलपति ने शिकायत का संज्ञान लिया और उन्हें निलंबित कर दिया. एक जांच समिति ने बाद में एक रिपोर्ट दायर की और बीएचयू के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय ने प्रोफेसर पर प्रतिबंध लगा दिया है. वह न तो बीएचयू में जिम्मेदारी का पद संभाल सकते हैं और न ही किसी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और न किसी अन्य कॉलेज या विश्वविद्यालय में आवेदन कर सकते हैं.
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बता दें कि छात्राओं ने शिकायत की थी कि अक्टूबर 2018 में पुणे दौरे के दौरान चौबे ने कुछ लड़कियों पर आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की थीं. छात्राओं ने दौरे से लौटने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. बीएचयू प्रशासन ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की जिसके बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. समिति ने छात्राओं के बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की, उसमें चौबे को दोषी पाया गया.
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