अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में हालात फिर से तनावपूर्ण होने लगे हैं. कुछ विद्यार्थियों ने अब सीएए विरोधी कार्यकर्ता शरजील इमाम की रिहाई की मांग की है. शरजील को दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था. शरजील की रिहाई की मांग करने वाले विद्यार्थियों में ज्यादातर छात्राएं हैं. विद्यार्थियों ने गुरुवार को 'आजादी' (आजादी) के नारे लगाए और मांग की कि शरजील इमाम को रिहा किया जाए. उन्होंने परिसर के अंदर मौलाना आजाद पुस्तकालय से बाब-ए-सैयद तक सीएए/एनआरसी/एनपीआर विरोधी मार्च भी निकाला.
पत्रकारों से बातचीत में प्रदर्शनकारी छात्राओं में से एक ने कहा कि वे जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, जेएनयू और एएमयू में कथित पुलिस क्रूरता के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगी. उन्होंने कहा कि कोई भी छात्र-छात्राओं की आवाज को दबा नहीं सकता है.
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एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि 'शरजील का भाषण गलत नहीं था, उसे गलत समझा गया था' और उनके खिलाफ आरोप वापस लेना चाहिए.
प्रदर्शनकारी ने कहा, "उसे न्याय मिलना चाहिए और राज्य भर में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान गलत तरीके से सलाखों के पीछे पहुंचाए गए लोगों को भी रिहा किया जाना चाहिए."
एएमयू और जामिया में कथित भड़काऊ भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज के पीएचडी स्कॉलर शरजील पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.
वीडियो में, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, इमाम को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर वह पांच लाख लोगों को जुटा सके, तो "शेष भारत के साथ असम को स्थायी रूप से काट देना संभव होगा.. यदि स्थायी रूप से नहीं, तो कम से कम कुछ महीनों के लिए तो ऐसा जरूर कर सकता है." शरजील को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
Source : IANS