Mahakumbh Stempede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ मामले में साजिश की आशंका जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से टीमें साजिश के एंगल पर जांच करने में जुट गई हैं. संगम नोज के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों को खंगाला जा रहा है. साथ ही 16 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों के डेटा की जांच की जा रही है. हालांकि, अब तक की जांच में कई मोबाइल नंबर घटना के बाद से ही बंद हो चुके हैं. कंट्रोल रूम के सीसीटीवी से संदिग्धों को चेहरा पहचानने वाले ऐप के जरिए चिन्हित किया जा रहा. वसंत पंचमी के स्नान को लेकर भी पुलिस हाई अलर्ट पर है. आज रविवार रातभर अफसर फील्ड पर सक्रिय रहेंगे.
STF और ATS का गठन
बता दें कि इस पूरी तफ्तीश के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) का गठन किया गया है. दोनों टीमें इनपुट जुटाने में लगी हुई हैं. इंटरनेट मीडिया से लेकर के दूसरे माध्यमों पर भगदड़ से जुड़े तथ्यों और दावों की सच्चाई का पता लगाया जा रहा है. वॉच लिस्टेड की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि भगदड़ की घटना के बाद कई ऐसे वीडियो भी प्रसारित हुए थे, जिसमें कुछ युवकों पर धक्का देने और गिराने का भी आरोप लगा था. वह व्यक्ति कौन हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
खोले गए पांटून पुल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां सोमवार (3 फरवरी) को बसंत पंचमी के मौके पर सुबह 5 पांच बजे से तीसरा अमृत स्नान होना है. ऐसे में सबसे पहले पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी स्नान के लिए निकलेगा. प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर हुए हादसे से सीख लेते हुए पांटून पुलों को खोल दिया है ताकि श्रद्धालुओं का आराम से आवगामन होता रहे. यहां कुल पुलों की संख्या 30 है, जिसमें से मौनी अमावस्या तक प्रशासन ने सिर्फ 2-3 पुल ही खोले थे, लेकिन बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता देख सभी पुल लोगों के लिए शुरू कर दिये गये हैं. गौरतलब है कि बुधवार सुबह मौनी अमावस्या के मौके पर स्नान से पहले ही महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी. इस दुखद हादसे में करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, अब स्थिति कथित तौर पर काबू में हो चुकी है.
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