'नाजिम' के लाए फूलों से सजते हैं 'अयोध्या के भगवान'

यूं तो भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन यहां के हनुमानगढ़ी स्थित 'बजरंगबली' नाजिम नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति के लाए फूलों से सजाए जाते हैं.

यूं तो भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन यहां के हनुमानगढ़ी स्थित 'बजरंगबली' नाजिम नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति के लाए फूलों से सजाए जाते हैं.

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Yogendra Mishra
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'नाजिम' के लाए फूलों से सजते हैं 'अयोध्या के भगवान'

नाजिम के घर में बनाया जा रहा है भगवान हनुमान के लिए माला.( Photo Credit : फाइल फोटो)

यूं तो भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन यहां के हनुमानगढ़ी स्थित 'बजरंगबली' नाजिम नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति के लाए फूलों से सजाए जाते हैं. इतना ही नहीं, अनपढ़ नाजिम की अनपढ़ पत्नी चुन्नी के हाथों गुंथी फूलों की माला भगवान हनुमान के गले की शोभा बढ़ती है.

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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गोंडा-अयोध्या हाईवे पर वजीरगंज विकास खंड स्थित जमादार पुरवा बसे नाजिम अली का परिवार फूलों की खेती करता है. इनके बगीचे से चुनकर अयोध्या लाए गए फूल ही हनुमानगढ़ी में चढ़ाए जाते हैं. बजरंगबली की पूजा होती है और माला का रूप पाकर अन्य देवी-देवताओं के गले की हार भी बनते हैं.

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यह बात अलग है कि रामजन्मभूमि दुनियाभर में हिंदू-मुस्लिम विवाद के लिए माना जाता रहा है. लेकिन यहां के मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठित हुए भगवान का मुस्लिम परिवारों द्वारा उगाए जाने वाले फूलों से ही श्रृंगार होता है. हनुमान गढ़ी सहित अन्य देव स्थानों पर इनके उगाए फूलों से ही पूजा-पाठ होता चला आ रहा है.

नाजिम ने आईएएनएस को बताया, "हम 20-25 सालों से गेंदा और गुलाब की खेती करते हैं. हनुमानगढ़ी में पहले मेरे अब्बा फूल देते थे. मैंने जब से होश संभाला है, तब से देख रहा हूं कि हनुमानगढ़ी, रामलला, नागेश्वरनाथ सहित अयोध्या के अन्य मंदिरों में भी हमारे ही लाए फूल चढ़ाए जाते हैं."

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फूलों की खेती करने वाले नाजिम ने कहा, "मेरी बीवी के हाथों गुंथी माला भगवान के गले में डाले जाते हैं. मेरी बीवी भी शादी के बाद से ही हमारे इस काम में बराबर की भागीदारी करती है. हम दोनों पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन अपने बच्चों पढ़ाई का हमने पूरा इंतजाम किया है."

उन्होंने बताया कि दिसंबर में तैयार होने वाली फूलों की 50 कलियों की बंडल बनाकर इसे गोंडा, अयोध्या, लखनऊ में बेच दिया जाता है. यह फूल देश के अन्य स्थानों- जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब और हरियाणा तक ले जाए जाते हैं.

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नाजिम ने कहा कि फूलों की खेती करने में उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिलती है. फूल तैयार करने के बाद कुछ स्थानीय स्तर पर बेचते हैं और ज्यादातर खपत अयोध्या में होती है. नाजिम का कहना है कि सरकारी अनुदान मिले तो वे लोग बड़े पैमाने पर खेती कर सकते हैं. तब जिंदगी खुशहाल हो जाती.

कुछ भी हो, जिस राम जन्मभूमि के नाम पर वर्षो से घमासान होता रहा है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता रहा है, उसी राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी स्थित भगवान की मूर्तियों पर हम मुसलमानों के उगाए फूल चढ़ाते आ रहे हैं, यह कितनी खुशी की बात है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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