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Yamuna Expressway: दिसंबर की सर्दियों में कोहरे और फिसलन भरी सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड लिमिट घटाने का फैसला लिया है. यह नियम 15 दिसंबर से लागू हो जाएगा, जिसके बाद तेज गति से वाहन चलाने पर भारी चालान से बचना मुश्किल होगा.
कितनी घटेगी स्पीड लिमिट?
नए नियमानुसार स्पीड को सर्दियों की परिस्थितियों के अनुसार संशोधित किया गया है...
- हल्के वाहनों (कार, SUV) की स्पीड
100 किमी/घंटा से घटाकर 75 किमी/घंटा
- भारी वाहनों की स्पीड
यमुना एक्सप्रेसवे: 60 किमी/घंटा
नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे: 50 किमी/घंटा
ये सीमाएं आमतौर पर दो महीने तक प्रभावी रहेंगी. अधिकारियों का मानना है कि इससे कोहरे में विज़िबिलिटी कम होने से होने वाली टक्करों में कमी आएगी.
कॉमर्शियल वाहनों के लिए विशेष निर्देश
पुलिस प्रशासन ने वाणिज्यिक वाहनों को सख्त हिदायत दी है कि वे नई स्पीड लिमिट का पालन अनिवार्य रूप से करें. नियम तोड़ने पर वाहन जब्त तक किया जा सकता है. इसके साथ ही सभी कॉमर्शियल गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य किया गया है. वहीं बिना रिफ्लेक्टर के वाहन को एक्सप्रेसवे में प्रवेश नहीं मिलेगा.
बता दें कि प्रशासन के मुताबिक स्पीड लिमिट के बदलावों को सार्वजनिक नक्शों, साइनबोर्ड और डिजिटल संकेतकों के माध्यम से पहले ही प्रसारित किया जाएगा ताकि वाहन चालकों को अग्रिम जानकारी मिल सके.
सुरक्षा बढ़ाने के अतिरिक्त कदम
पुलिस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम और भी उठा रही है, जैसे...
- रात में पैट्रोलिंग बढ़ाना
- स्पीड चेकिंग पॉइंट्स की संख्या बढ़ाना
- दुर्घटना संभावित इलाकों में चेतावनी संकेत लगाना
- इन बदलावों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को मजबूत करना और ट्रैफिक सिस्टम को और अधिक नियमबद्ध बनाना है.
ओवरस्पीडिंग पर कितना लगेगा जुर्माना?
उत्तर प्रदेश में ओवरस्पीडिंग के नियम पहले से ही कड़े हैं.
- पहली बार स्पीड लिमिट तोड़ने पर: 1,000 का चालान
- बार-बार नियम तोड़ने पर: 2,000 तक का जुर्माना
नोएडा और लखनऊ में ट्रैफिक सिस्टम को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया गया है. मोशन-ट्रिगर स्पीड कैमरे अब वाहन की स्पॉट स्पीड के साथ-साथ पूरी दूरी में औसत स्पीड भी रिकॉर्ड कर लेते हैं. कैमरे सीधे आरसी डेटा से जुड़े हैं, इसलिए चालान भरने में देरी होने पर वाहन से जुड़े दस्तावेजों के नवीनीकरण पर भी असर पड़ सकता है. नई स्पीड लिमिट्स का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना है. ऐसे में वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी से ड्राइव करें और तय गति सीमा का पालन करें, ताकि यात्रा सुरक्षित और निर्बाध बनी रहे.
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