समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इनकार कर दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा गया है. अब्दुल्ला आजम खान (Mohammad Abdullah Azam Khan) की याचिका पर अब अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने निर्वाचन आयोग और रामपुर में स्वार विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के निर्वाचन को चुनौती देने वाले प्रतिद्वंद्वी बसपा उम्मीदवार नवाज अली खान को नोटिस जारी करके उनके जवाब मांगे हैं. पीठ ने कहा कि स्कूल रिकॉर्ड के अलावा अन्य दस्तावेज पेश किए गए हैं, जिनमें दर्शाया गया है कि मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान चुनाव लड़ने के योग्य थे और इन दस्तावेजों की वजह से उत्पन्न शंकाओं के कारण पीठ मामले की सुनवाई करेंगी. पीठ ने कहा कि हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश पढ़ा है, यह सबूत पर आधारित है.
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बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के नेता नवाब काजिम अली खान ने 2017 में सपा नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को विधायक के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने दावा किया था कि चुनाव के समय उनकी उम्र कम थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए रामपुर की स्वान सीट से विधायक चुने गए अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया था. कोर्ट ने माना था कि 2017 में चुनाव के वक्त उनकी उम्र 25 साल नहीं था.
हाईकोर्ट के इसी फैसले को आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है.
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