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महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए SIT गठित

आनंद गिरि मूल रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के ब्राह्मणों की सरीरी गांव का निवासी है. उसका असली नाम अशोक चोटिया उर्फ आनंद गिरी है.

Updated on: 21 Sep 2021, 04:10 PM

highlights

  • नरेंद्र गिरी की मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय SIT टीम बनाई गई है
  • इस टीम की अगुवाई CO अजीत चौहान कर रहे हैं
  • पुलिस ने बीते दिन ही उत्तराखंड के हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया था

 

नई दिल्ली:

प्रयागराज बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri की  मौत की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है,जो सुसाइड के अलावा हत्या के एंगल से भी जांच करेगी. ADG प्रेम प्रकाश के मुताबिक नरेंद्र गिरी की मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय SIT टीम बनाई गई है. इस टीम की अगुवाई CO अजीत चौहान कर रहे हैं. महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार किया जा चुका है, पुलिस ने बीते दिन ही उत्तराखंड के हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया था.  आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी को भी हिरासत में लिया जा चुका है.  
 
नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में समाजवादी पार्टी ने हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाघंबरी मठ पहुंचकर नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि दी.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने CBI जांच की मांग की है. वहीं पिटीशनर वकील सुनील चौधरी ने भी CBI जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की  है. उन्होंने प्रयागराज के DM और SSP को बर्खास्त करने की मांग भी की है.

नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि (45) के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया है. यह FIR लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि की ओर से दर्ज करवाई गई है. इसमें आरोप हैं कि आनंद की प्रताड़ना और बलैकमेलिंग की वजह से ही महंत नरेंद्र गिरि ने जान दी है.

महंत नरेंद्र गिरि का विवादित शिष्य आनंद गिरि मूल रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के ब्राह्मणों की सरीरी गांव का निवासी है. उसका असली नाम अशोक चोटिया उर्फ आनंद गिरी है.

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज पुलिस लाइन में आनंद गिरि से गहन पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में क्राइम ब्रांच के साथ आलाधिकारी और संबंधित थाने के विवेचक भी पुलिस लाइन में मौजूद हैं.

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महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत का मामला, एडीजी ज़ोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने कहा, "जो भी संदिग्ध है उनसे पूछ-ताछ की जा रही है. जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी जांच आगे बढ़ेगी. आनंद गिरी को अभी किसी अधिवक्ता आदि से मिलने नही दिया जाएगा."

इस पूरे मामले को लेकर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने आजतक से खास बातचीत भी की है. प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रयागराज में पुलिस को बीती शाम जानकारी मिली थी, महंत नरेंद्र गिरि के अनुयायियों ने ही पंखे से शव को उतारा था. प्रशांत कुमार के मुताबिक, पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि को पहले हिरासत में लिया गया था. सुसाइड नोट जो मिला है, वह एक अहम सबूत है और उसी के तहत सभी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है.