कश्मीर में हिंदू राजा के दौर में सुरक्षित थे सिख, लेकिन अब नहीं: सीएम योगी आदित्यनाथ
बीजेपी सिख समागम कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ कश्मीर और हिन्दुओं को लेकर बड़ी बात कही
नई दिल्ली:
बीजेपी सिख समागम कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ कश्मीर और हिन्दुओं को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा, जब तक कश्मीर में हिंदू राजा था और हिंदू सिख सुरक्षित थे. जह हिंदू राजा का पतना हुआ हिन्दुओं का भी पतन होना शुरू हो गया. आज वहां की स्थिति क्या है. कोई अपने को सुरक्षित बोल सकता है? नहीं हमें इतिहास से सीखना चाहिए.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी समेत देश भर के साधु संत योगी और मोदी सरकार पर हिन्दुओं की आस्था से जुड़े अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दबाव बना रहे हैं.
Jab tak Kashmir mein Hindu raja tha Hindu aur Sikh surakshit the. Jab Hindu raja ka patan hua, Hinduon ka bhi patan hona shuru hogaya. Aaj wahan ki sthiti kya hai? Koi apne ko surakshit bol sakta hai? Nahi. Humein itihas se seekhna chahiye: UP CM Adityanath at BJP's Sikh Samagan pic.twitter.com/uIzbphPm8j
— ANI UP (@ANINewsUP) 29 October 2018
संत समाज ने मोदी सरकार से कहा कि वह राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए. बैठक के बाद महंत नृत्य गोपाल दास जी के नेतृत्व में संतों का एक प्रतिनिधि मण्डल राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से भी मिला. राष्ट्रपति को सम्बोधित इस ज्ञापन में कहा गया है कि 'महामहिम अपनी सरकार को कहें कि वह अब कानून बनाकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करें। आज की परिस्थिति में यही समाधान उपयुक्त लगता है.'
दिल्ली में शुक्रवार को श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में हुई संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में संतों ने एक स्वर से मोदी सरकार से कहा कि वह जन्म भूमि पर अपने वचनानुसार संसदीय कानून बना कर राम मंदिर के मार्ग की बाधाओं को दूर करे.
स्वामी वासुदेवानंद व विश्वेशतीर्थ महाराज ने तो स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री आवश्यकता पड़ने पर लोक सभा और राज्य सभा का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर कानून बनाएं और जन्म भूमि हिन्दुओं के हवाले करें. इस बैठक में रामानान्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि जो इस बिल का विरोध करेगा, देश के संत उसे उखाड़ फेकेंगे.
युग पुरुष परमानंद महाराज ने भी इस मत का समर्थन करते हुए कहा कि बिल आने पर ही मालूम चलेगा कि असली राम भक्त कौन है. पूज्य डा राम विलास वेदांती, पूज्य चिदानंद पुरी (केरल), स्वामी चिन्मयानंद जी और स्वामी अखिलेश्वरानन्द जी सहित सम्पूर्ण देश से आए जगत गुरुओं महा-मंडलेश्वरों और अन्य धर्माचार्यो ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कानून बनाने की मांग का पुरुजोर समर्थन किया.
बैठक में संतों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मंदिर निर्माण के लिए कानून की मांग के अतिरिक्त एक जन जागरण अभियान की भी घोषणा की.
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