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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक का मामला: जिला कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक की सुनवाई अब जिला सत्र न्यायालय में होगी. जिला जज मथुरा की कोर्ट ने श्रीकृष्ण विराजमान समेत आठ याचिकाकर्ताओं की अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

Updated on: 16 Oct 2020, 04:22 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक की सुनवाई अब जिला सत्र न्यायालय में होगी. जिला जज मथुरा की कोर्ट ने श्रीकृष्ण विराजमान समेत आठ याचिकाकर्ताओं की अर्जी को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. इस मामले की अब अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी. आपको बता दें कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की याचिका पर कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. 

जिला सत्र न्यायालय में दाखिल याचिका में मंदिर के पास बनी ईदगाह को हटाने की मांग की गई है. वहीं, साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अयोध्या श्री राम जन्म भूमि की तर्ज पर ही मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि के कलंक को भी मिटाने की केन्द्र सरकार से मांग की है. 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि देश अब आजाद हो चुका है और मथुरा विराजमान से ईदगाह का कलंक भी जल्द दूर हो जाना चाहिए. उन्होंने देश के युवाओं और सभी मत सम्प्रदाय के साधु संतों से मथुरा विराजमान को मुक्त कराने के लिए एक शान्ति पूर्ण जनआन्दोलन चलाये जाने का भी आह्वान किया है. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अगुवाई में शुरु होने वाले जन आन्दोलन में साधु संतों के साथ ही हिन्दूवादी संगठन विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक भी रहेंगे.

याचिका में किया ये दावा

श्रीकृष्ण विराजमान, स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि और उक्त लोगों की ओर से पेश किए दावे में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (जो अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता है) और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच जमीन को लेकर समझौता हुआ था. इसमें तय हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी.