logo-image

राम जन्मभूमि की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के घर-घर संपर्क किया जाएगा: चंपत राय

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि  की कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर घर जाकर संपर्क किया जाएगा.

Updated on: 18 Dec 2020, 02:02 PM

अयोध्या :

अब हर घर में भगवान राम की जन्मभूमि का प्रचार किया जाएगा, जिससे हर कोई इसके इतिहास से अवगत रहे.  राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि  की कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर घर जाकर संपर्क किया जाएगा. समाज को जन्मभूमि के बारे में पढ़ने के लिए साहित्य दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि राम जी का मंदिर देश के गौरव का मंदिर है. हिंदुस्तान अपनी गुलामी की निशानियों को भुलाना चाहता है, बहुत पुरानी लड़ाई है. स्वतंत्रता के साथ ही लड़ाई शुरू हो गयी थी. वीएचपी का योगदान की हैं कि हज़ारो संतो को इससे जोड़ा, जो गुलामी याद दिलाता था वो कलंक समाप्त हो गया.

और पढ़ें: आजम खान की मुश्किलें और बढ़ी, मुकदमों की फेहरिस्त बढ़कर हुई 100

राय ने आगे कहा कि राम जी का मंदिर देश के गौरव का मंदिर है. हिंदुस्तान अपनी गुलामी की निशानियों को भुलाना चाहता है. बहुत पुरानी लड़ाई है. स्वतंत्रता के साथ ही लड़ाई शुरू हो गयी थी. वीएचपी का योगदान की हैं कि हज़ारो संतो को इससे जोड़ा. जो गुलामी याद दिलाता था वो कलंक समाप्त हो गया.

उन्होंने कहा कि संपूर्ण मंदिर पत्थर का बनेगा. लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को मंदिर निर्माण का कार्य दिया गया है. मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा पर है, वहीं निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने टाटा कंसल्टेंट इंंजीनियर्स को चुना हैं.

महासचिव ने बताया कि संयोग बना है जहां पर मंदिर बनना है, वहां पर सरयू नदी है. हमारे पास इशारो में कुछ मानचित्र दिया.  करीब 2 हज़ार साल पहले जहा पर मंदिर है वहा पर सरयू का प्रवाह था. 4 बार सरयू अपना परवाह बदल चुकी है. इस लिए भविष्य में भी बदल सकती है.  मंदिर तीन मंजिला बनेगा, प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी,मंदिर की लंबाई 360 फीट तथा चौड़ाई 235 फीट है,भूतल से 16.5 फीट ऊंचा मंदिर का फर्श बनेगा.भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी.

ये भी पढ़ें: News Nation के Live कार्यक्रम में AMU छात्रों का हंगामा, रिपोर्टिंग से रोका

चंपत राय ने ये भी कहा कि ये मंदिर जनता के सहयोग से बनेगा. हम दान नहीं मांग रहे, अपने इच्छा से सब सहयोग कर सकते हैं. भगवान को मांगने की जरूरत नहीं है. हम 55 से 60 करोड़ लोगों तक पहुंचेंगे, यानी 11 करोड़ परिवारों तक जाएंगे और उनसे कंट्रीब्यूट करने को कहेंगे. हमने 10 ,100, 1000 रुपये के कूपन छपवाएं हैं, रसीद बुक भी छापी है. 3 से 4 लाख कार्यकर्ता ये काम करेंगे, जिसमे लगभग 1 लाख टोली बनेंगी. हम भरोसे के लोगों के साथ ये करेंगे, कोई भी पैसा कार्यकर्ता 48 घण्टा से ज्यादा अपने पास नहीं रखेगा. प्रत्येक जिले में इंडिपेंडेंट ऑडिट होगा. 

चंपत राय ने आगे कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर और उसके निर्माण कार्य की अधिक से अधिक जानकारी आपके सामने रखूंगा. राम जन्मभूमि मंदिर की आज की स्थिति के बारे में बताऊंगा आपको राम जन्मभूमि मन्दिर इस देश के गौरव और अस्मिता का मंदिर है. हिंदुस्तान अपने सन्तान को गुलामी नही याद दिलाना चाहता. 1949 से ये प्रक्रिया शुरू हुई थी जो लड़ा है हमने स्थानीय समाज ने इसको लड़ा, विहिप ने कई सन्तों को इससे जोड़ा, जो गुलामी याद दिलाता था वो कलंक शांत हुआ. 

उन्होंने कहा की पीएम मोदी ने वहां 5 अगस्त को आकर मंदिर के निर्माण को गति प्रदान की, जिसकी खुशी की अनुभूति सभी को है. पहले हमने इसे बहुत छोटा सोचा था पर जब SC ने 70 एकड़ जमीन दे दी तो तो हमने आकर बढ़ाई. मंदिर की लम्बाई 360 फ़ीट, चौड़ाई 235 फिट होगी, मंजिर 3 मंजिला होगा. 20 फुट का एक मंजिल होगा. 16.50 फुट फर्स्ट प्लिंथ की लंबाई है. वहीं 161 फीट भूतल से शिखर तक ऊंचाई है. 


चंपता राय ने कहा कि मंदिर में 4 लाख क्यूबिक फिट पत्थर लगेगा, जिसमें अबतक हमने 75 हजार क्यूबिक फिट पत्थर की कार्विंग कर ली है. मंदिर का काम L&T कर रही है. टाटा की भी मदद ली गई है. IIT (दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई) और कई जगहों के वैज्ञानिकों की टेक्निकल टीम है वो फाउंडेशन पर स्टडी कर रही है. जहां मंदिर बनना है वहां सरयूं का किनारा है. गर्भ गृह के पश्चिम में नदी का प्रवाह है.

उन्होंने बताया कि ISRO ने हमें मानचित्र दिया, जिसमे ये पता चलता है कि पहले यहां मन्दिर था। पहले भी यहां सरयू थी, आगे भी धारा बदल सकती है. 60 मीटर तक लूस सैंड है मंदिर के नीचे मजबूत आयु वाली नींव चाहिए हमें, जिसपर हम अध्यन कर रहे हैं. दिसंबर के आखिरी तक इसकी अच्छी सूचना मिल सकती है. ये मंदिर जनता के सहयोग से बनेगा. हम दान नहीं मांग रहे, अपने इच्छा से voluntarily कंट्रीब्यूट कर सकते हैं. भगवान को मांगने की जरूरत नही है. हम 55 से 60 करोड़ लोगों तक पहुंचेंगे, यानी 12 करोड़ परिवारों तक जाएंगे और उनसे कंट्रीब्यूट करने को कहेंगे.

चंपत राय ने कहा कि हम कानून में विश्वास रखते हैं औऱ विदेशों से पैसे लेने में हम कानून का पालन करते हैं. मुख्यमंत्री योगी ने 11 लाख रुपये अपने खाते से दिए, हम मकरसंक्रांति से देश के सभी लोगों के पास जाएंगे पर हम उनसे उनका इंडिविजुअल कॉन्ट्रिब्यूशन लेंगे. भारत सरकार ने हमें 1 रुपये दिए हैं जिसे हमने फ्रेम करा कर रख दिया है.