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शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन का बड़ा बयान, 'मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में छुपे हैं विदेशी घुसपैठिए'

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC का समर्थन किया है. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं और राष्ट्र कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता.

Updated on: 17 Dec 2019, 12:20 PM

लखनऊ:

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC का समर्थन किया है. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं और राष्ट्र कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस कानून में शिया मुसलमानों को भी शामिल किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमान शिया मुसलमान पर भी जुल्म करते हैं, भारत सरकार हमारी बात पर विचार कर रही है.

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वसीम रिजवी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता. एनआरसी और सीएए राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित हैं. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड इसका समर्थन करता है. सुन्नी कट्टरपंथी मुसलमान सरकार विरोधी पार्टियों की साजिश का शिकार हो गए हैं, जो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए. क्योंकि शियाओं पर सुन्नियों की ज्यादती का ब्यौरा देते हुए एक प्रतिवेदन भारत सरकार को सौंपा है कि शिया भी इन मुसलमानों के जुल्म का शिकार हैं. शियाओं की भी इस बिल में शामिल करना चाहिए, इस पर विचार हो रहा है.

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मदरसों और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में विदेशी घुसपैठिए
वसीम रिजवी ने कहा कि मुस्लिम मदरसों और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में पहले से ही विदेशी घुसपैठिए छुपे हुए हैं. यह देश के लिए बड़ा खतरा भी हैं. देश भर में जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं उनमें इन्हीं विदेशी ताकतों का हाथ है. भारत को युवाओं को बहकाया जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वसीम रिजवी ने कहा कि शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए. शिया वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों पर अगर कोई विरोध प्रदर्शन हुआ तो बोर्ड उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.