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योगी सरकार का चला हंटर, भ्रष्टाचार के दोषी SDM को बनना पड़ा तहसीलदार

साल 2016 में भूपेंद्र जब एसडीएम के रूप में तैनात थे, तब उन्होंने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी हितों की पूर्ति के लिए संबंधित पक्षों से मिलीभगत कर रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था.

Updated on: 24 Nov 2020, 07:42 AM

लखनऊ:

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुपालन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ जनपद के सरधना तहसील में तैनात रहे उपजिलाधिकारी (एसडीएम) कुमार भूपेंद्र सिंह को उपजिलाधिकारी के पद से तहसीलदार के पद पर अवनति करने का आदेश दिया है. कुमार भूपेंद्र इस समय में मुजफ्फरनगर जिले में पदस्थ हैं. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मेरठ के ग्राम शिवाया, जमाउल्लापुर, परगना दौराला, तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर के रूप में दर्ज 1.5830 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2013 में निजी बिल्डर को आवंटित कर दिया गया था. इसकी शिकायत के बाद जांच हुई.

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मिलीभगत कर अमलदरामद का आदेश पारित

साल 2016 में भूपेंद्र जब एसडीएम के रूप में तैनात थे, तब उन्होंने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी हितों की पूर्ति के लिए संबंधित पक्षों से मिलीभगत कर रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था.

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सरकार ने पदावनत करने का आदेश दिया
शासन ने इसे कदाचार मानते हुए इन्हें पदावनत करने का आदेश दिया है. मामले में दोषी एक अन्य तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (अब सेवानिवृत्त) एक राजस्व निरीक्षक और एक लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.