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Sanatan Controversy: उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर अयोध्या के संतों ने मोर्चा खोला

Sanatan Controversy: इन सभी नेताओं और धर्मगुरु के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली अयोध्या में लिखित तहरीर दी है.

Updated on: 09 Sep 2023, 11:12 PM

नई दिल्ली:

सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन   द्वारा दिए गए विवादित बयान पर संतों ने मोर्चा खोल दिया है.  शनिवार की दोपहर अयोध्या के प्रसिद्ध हरी धाम पीठ में संतों की एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें संतों ने तमिलनाडु  के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में खेल  मंत्री उदय निधि समेत इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता ए.राजा समेत नाथ संप्रदाय पर विवादित टिप्पणी देने वाले स्वामीनाथ संप्रदाय से जुड़े मुक्तानंद महाराज के खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को संतों ने एक पत्र लिखा है. इसके अलावा इन सभी नेताओं और धर्मगुरु के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली अयोध्या में लिखित तहरीर दी है.

शनिवार की दोपहर अयोध्या के हरी धाम पीठ में प्रसिद्ध संत राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास की अध्यक्षता में हुई बैठक  में मौजूद अयोध्या के प्रमुख संतों ने एक स्वर में तमिलनाडु के खेल मंत्री एमके स्टालिन ए राजा के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ कई नाराजगी जाहिर की है. 

संत राजकुमार दास ने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं को सम्मान दिया जाता है. भगवान राम लला,भगवान शिव, भगवान विष्णु, माँ दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती, हनुमान जी महाराज सनातन धर्म के पूज्य देवी देवता है. लेकिन स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े मंदिर में  इन सभी देवी देवताओं को स्वामीनारायण भगवान के सामने हाथ   जोड़े हुए दिखाया गया है. यह कतई बर्दाश्त नहीं है. यह हमारे देवी देवताओं का अपमान है. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   जी नाथ संप्रदाय से जुड़े हैं. उस नाथ संप्रदाय के संतो पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें राक्षस बताया गया है.ऐसा बयान देने वाले स्वामीनारायण संप्रदाय के मुक्तानंद महाराज के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के लिए हमने लिखित तहरीर दी है.

जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज ने कहा ये समाज में विभेद पैदा करने वाला बयान है. देश की बड़ी आबादी के धर्म के प्रति ऐसी अपमानजनक टिप्पणी से गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई है. ऐसे नेता के खिलाफ तत्काल राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और इन्हें कभी सत्ता में शामिल नहीं किया आना चाहिए.