UP के सरकारी अस्पतालों के दवाइयों के सैंपल हुए फेल

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने प्रदेश में मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन का गठन किया था. पिछले कुछ महीनों के आंकड़े देखें तो जिलों में दवा भेजने का जिम्मा लेने वाले मेडिकल कार्पोरेशन की करीब 17 दवाओं के सैंपल स

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने प्रदेश में मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन का गठन किया था. पिछले कुछ महीनों के आंकड़े देखें तो जिलों में दवा भेजने का जिम्मा लेने वाले मेडिकल कार्पोरेशन की करीब 17 दवाओं के सैंपल स

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Yogendra Mishra
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Medicine

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने प्रदेश में मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन का गठन किया था. पिछले कुछ महीनों के आंकड़े देखें तो जिलों में दवा भेजने का जिम्मा लेने वाले मेडिकल कार्पोरेशन की करीब 17 दवाओं के सैंपल सरकारी लैब में फेल हो गए हैं. दरअसल जब दवाओं का सैंपल फेल हो जाता है तो उनका वितरण रोक दिया जाता है.

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लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ऐसी दवाएं सरकार क्यों खरीद रही है जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. पिछले तीन महीनों में उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों से दवाओं का सैंपल फेल हुआ है. एफएसडीए लगातार अपनी रिपोर्ट में कहता रहा है कि सूबे में कई दवाओं की गुणवत्ता बेहद खराब है.

आंखों का सीएमसी आई ड्रॉप, इंजेक्शन डोबिटामिन जो एक जीवन रक्षक दवाई है, एरिथ्रोमाइसिन टेबलेट जो गले में इनफेक्शन की एंटीबायोटिक दवा है, नियोस्पोरिन पाउडर और लिग्नोकेन जेल के सैंपल फेल हो चुके हैं.

Source : News Nation Bureau

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