Sambhal police cancels neja mela salar masud ghazi : संभल में अभी जामा मस्जिद का मामला निपटा भी नहीं है कि अब एक नया विवाद सामने आ गया है. मसूद गाजी के नाम पर यहां हर साल मेला लगता है लेकिन इस बार संभल प्रशासन ने मेले की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के मेले के आयोजन करने वाले लोग कोर्ट जाने तैयारी कर रहे हैं.
दरअसल , मसूद गाजी, महमूद का भांजा था जिसके नाम पर मेले का आयोजन संभल में हुआ करता था. 18 मार्च को मेले का झंडा गाड़ने की योजना थी. 25, 26 और 27 मार्च को मेला कमेटी ने मेला लगाने का ऐलान किया था लेकिन अभी परमिशन नहीं मिली है. प्रशासन को यह डर सता रहा है कि बड़ी मुश्किल से हालात काबू में आए हैं, अब योगी सरकार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है.
मेले के आयोजन की नहीं है परमिशन
इस बारे में संभल ASP श्रीशचंद ने बताया कि जिसके नाम से मेला हर वर्ष लगता है, वह एक लुटेरा था. ऐसी कोई भी लुटेरे की याद में आयोजन नहीं करने दिया जाएगा और न ही कोई परमिशन दी जाएगी. एक पक्ष के द्वारा भी जिस पर आपत्ति प्रकट की गई है. कानून व्यवस्था के हिसाब से उचित नहीं है परमिशन दी जानी. संभल में कानून व्यवस्था को नहीं बिगड़ने दिया जाएगा. इसलिए इस मेले का आयोजन करने की नहीं परमिशन नहीं मिलेगी.
कौन है मसूद गाजी
मसूद गाजी, महमूद गजनी का सेनापति था और हिंदुओं का कत्लेआम करने के लिए बदनाम था. क्योंकि उसने हजारों हिंदुओं की हत्या की थी इसलिए उसे गाजी के रूप में जाना जाता है. गाजी यानी धार्मिक योद्धा.इसका सामना महाराजा सुहेलदेव ने किया था. 15 जून 1034 को सुहेलदेव के खिलाफ लड़ाई में घातक रूप से घायल हो गया था जिसके बाद इसकी मौत हो गई थी.