Sambhal Jama Masjid Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे मुस्लिम समुदाय में अस्थायी तौर पर मायूसी का माहौल देखने को मिला है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा कि कानून विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा करने के बाद अगली कानूनी रणनीति तैयार की जाएगी.
मुस्लिम पक्ष के एक प्रतिनिधि ने कहा, 'अदालत का हर फैसला अंतिम नहीं होता. हमारे पास सुप्रीम कोर्ट में अपील का अधिकार है और हम अपने कानूनी हक की लड़ाई वहां जारी रखेंगे.'
वहीं दूसरी ओर, हिंदू पक्ष द्वारा कोर्ट के फैसले के बाद जश्न मनाने की खबरें भी सामने आई हैं. कुछ जगहों पर मिठाइयां बांटी गईं और लोगों ने फैसले का स्वागत किया. हालांकि, सामाजिक संगठनों और कुछ बुद्धिजीवियों ने इसे अनुचित बताया है. उनका कहना है कि अदालत का फैसला एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा होता है, जिसे सम्मान देना चाहिए, लेकिन इसे जीत या हार के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए.
एक वरिष्ठ वकील ने कहा, 'अदालतें साक्ष्यों और तर्कों के आधार पर फैसला देती हैं. यह कोई धार्मिक या भावनात्मक लड़ाई नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया है. ऐसे में किसी को गम करने या जश्न मनाने की जरूरत नहीं है.'