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यूपी चुनाव 2017: पिता मुलायम और बेटे अखिलेश यादव में सुलह के लिए आजम खान का नया फॉर्मूला, अमर सिंह और शिवपाल यादव होंगे बाहर!

आजम ने शनिवार को अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से फोन पर बातचीत की।

Updated on: 07 Jan 2017, 02:26 PM

highlights

  • अखिलेश-मुलायम के बीच जारी लड़ाई को शांत कराने के लिए आजम ने बनाया नया फॉर्मूला
  • अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और सिर्फ उनके बीच हो एक बैठक
  • अमर सिंह, शिवपाल यादव को साइड रख मुलायम को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर बन सकती है बात

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में एक तरफ चुनावी मैदान सजा है तो दूसरी तरफ यादव परिवार में वर्चस्व के लिए जंग छिड़ा है। समाजवादी पार्टी की लड़ाई में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव आमने-सामने हैं। इस झगड़े को शांत कर पार्टी को पुरानी पटरी पर लागने के लिए सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने बातचीत का नया फॉर्मूला तैयार किया है। आजम ने शनिवार को अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से फोन पर बातचीत की।

शहरी विकास मंत्री आजम खान चाहते हैं कि एक बैठक हो जिसमें मुलायम, अखिलेश और उनके अलावा कोई और न हो। आजम खान ने दोनों को सलाह दी है कि वह फिलहाल मीडिया से बात नहीं करें।

दरअसल, आजम खान शिवपाल सिंह यादव से अमर सिंह की करीबी बढ़ने से नाराज हैं। इसी को देखते हुए शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को आजम खान से मुलाकात की थी।

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पार्टी में अब राय बन रही है कि अमर सिंह और शिवपाल यादव को साइड कर मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में आजम खान ने मुलायम सिंह यादव से भी बात की है।

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वहीं पिता मुलायम के बाद अखिलेश भी चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग (ईसी) जाने के लिए तैयार हैं। सभी जरूरी कागजात शनिवार सुबह 9 बजे की फ्लाइट्स से दिल्ली भेज दिया गया है। अखिलेश के करीबी राम गोपाल यादव कागजात लेकर चुनाव आयोग जाएंगे। इस बीच लखनऊ में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठकों का सिलसिला जारी है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद मुलायम बेहद नाराज हैं और अखिलेश की ओर रखी गई शर्त मानने को तैयार नहीं है। अखिलेश अगले तीन महीनों तक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने के साथ अमर सिंह को पार्टी से बाहर रखने की शर्त पर अड़े हुए हैं। इसके अलावा अखिलेश शिवपाल को टिकट बंटवारे की प्रक्रिया से अलग रखते हुए दिल्ली की राजनीति में भेजे जाने के हिमायती हैं।

लेकिन मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की यह शर्तें मंजूर नहीं है। गुरुवार को मुलायम के साथ बातचीत करने के बाद शिवपाल, मुलायम सिंह यादव से मिलने गए थे। हालांकि दोनों के बीच बातचीत ज्यादा लंबी नहीं चली। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने घर पर भरोसेमंद लोगों की भी बैठक बुलाई है।

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