समाजवादी पार्टी (सपा) ने दलबदल विरोधी कानून के तहत उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य पद से शिवपाल सिंह यादव को अयोग्य ठहराया है. फिलहाल, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव इटावा के जसवंत नगर से सपा के टिकट पर विधायक हैं. पिछले काफी समय अखिलेश यादव चाचा शिवपाल के खिलाफ ऐसा कोई सख्त एक्शन लेना चाहते थे.
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गौरलतब है कि साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों के समय से ही मुलायम सिंह यादव के कुनबे में बिखराव शुरू हो गया था. इस टकराव का नजीता ये हुआ कि शिवपाल सिंह यादव को सपा छोड़नी पड़ी और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में शिवपाल ने भतीजे और भाई के खिलाफ ताल ठोंका था. हालांकि, इस चुनाव में शिवपाल की पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई और तो और शिवपाल अपना भी चुनाव हार गए थे.
बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पिछले दिनों कहा था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. प्रसपा प्रमुख ने कहा, "उपचुनावों में लड़ने के बजाय हम प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर फोकस करेंगे और 2022 विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी करेंगे."
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो