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अशोक वाजपेयी ने विधान परिषद सदस्यता से दिया इस्तीफा, समाजवादी पार्टी को चौथा झटका

समाजवादी पार्टी के पुराने सदस्य रहे अशोक वाजपेयी दरअसल मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं।अशोक ने पार्टी छोड़ने के साथ आरोप लगाया है कि मुलायम की अनदेखी से वो आहत हैं।

Updated on: 09 Aug 2017, 02:50 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बुधवार को एक और झटका लगा जब पार्टी के एक और विधान परिषद सदस्य अशोक वाजपेयी ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। साथ ही अशोक वाजपेयी ने पार्टी को छोड़ दिया है। पिछले कुछ दिनों में अशोक चौथे ऐसे नेता हैं जिन्होंने सपा का दामन छोड़ा है।

समाजवादी पार्टी के पुराने सदस्य रहे अशोक वाजपेयी दरअसल मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। अशोक ने पार्टी छोड़ने के साथ आरोप लगाया है कि मुलायम की अनदेखी से वो आहत हैं और उनका अपमान नहीं देख पा रहे हैं, इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।

हालांकि सूत्रों की मानें तो वाजपेयी ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के लिए सीट छोड़ी है। दिनेश शर्मा से जुड़े लोग वाजपेयी के साथ इस्तीफा देते वक्त मौजूद थे। कहा जा रहा है कि वाजपेयी BJP में शामिल हो सकते हैं। 

बहरहास, लोहिया ट्रस्ट में अखिलेश समर्थकों को निकालकर शिवपाल के समर्थकों को सदस्य बनाये जाने पर अशोक वाजपेयी ने कहा कि समाजवादी परिवार में सुलह, समझौते की कोई गुंजाइश नहीं बची है। अशोक वाजपेयी ने कहा, 'ये आपस मे ही लड़ रहे हैं, ये लड़ाई वैचारिक नहीं व्यक्तिगत है, वैसे भी समाजवादियों का पुराना इतिहास रहा है कि ये ज्यादा दिन तक एकजुट नहीं रह सकते हैं।'

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इससे पहले गत 29 जुलाई को एसपी विधान परिषद सदस्यों बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह जबकि चार अगस्त को सरोजिनी अग्रवाल ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया।

बताते चलें कि एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 7 अगस्त को एक कार्यक्रम में पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं पर तंज कसते हुए कहा था कि जिन्हें जाना है, वह कोई बहाना न बनाए। अखिलेश ने कहा था कि यह समय इस बात को भी परखने का है कि बुरे समय में कौन साथ है और कौन नहीं।

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