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साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन ब्लास्ट: 16 साल से जेल में बंद एएमयू का पूर्व छात्र गुलजार अहमद वानी बरी

साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले के आरोपी एएमयू के पूर्व शोध छात्र गुलजार अहमद वानी और मुबीन को बाराबंकी सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है।

Updated on: 20 May 2017, 02:43 PM

highlights

  • 2000 साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन ब्लास्ट मामले में गुलजार अहमद वानी और मुबीन बरी
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व शोधार्थी हैं वानी, 16 साल से जेल में थे बंद
  • कश्मीर से  ताल्लुक रखते हैं गुलजार अहमद वानी, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन ब्लास्ट में 9 की हुई थी मौत 

नई दिल्ली:

साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले के आरोपी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व शोध छात्र गुलजार अहमद वानी और मुबीन को बाराबंकी सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व शोध छात्र गुलजार अहमद पिछले 16 सालों जेल में बंद है। वानी का ताल्लुक जम्मू-कश्मीर बारामूला से है। 

मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस में कानपुर के पास वर्ष 2000 में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विस्फोट हुआ था। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी।

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गुलजार को दिल्ली पुलिस ने जुलाई 2001 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों और यूपी के आगरा, कानपुर समेत विभिन्न शहरों में हुए 11 मामलों में आरोपी बनाया गया था। बाकी सभी मामलों में कोर्ट पहले ही उसे बरी कर चुका है।

आपको बता दें कि गुलजार अहमद वानी के मामले में देरी को सुप्रीम कोर्ट ने 'शर्मनाक' बताया था।

जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने बीते अप्रैल को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा था, 'अगर बाराबंकी में वर्ष 2000 में साबरमती एक्सप्रेस में हुए धमाके के मामले में 31 अक्टूबर तक अहम गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए तो एक नवंबर को आरोपी को जमानत दे दी जाएगी।'

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