Ruckus over Biryani: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में तीसरी कक्षा के छात्राओं को सिर्फ इसलिए स्कूल से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने लंच बॉक्स में नॉन वेज लाया था. टिफिन में चिकन बिरयानी ले जाने की वजह से बिना उनके भविष्य के बारे में सोचे ही छात्रों का नाम स्कूल से काट दिया गया.
बिरयानी पर मचा बवाल
वहीं, अब छात्रों के हक में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए छात्रों को राहत दी गई है और साथ ही डीएम को निर्देश दिया है कि दो हफ्ते के अंदर छात्रों का दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया जाए. यह सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस एससी शर्मा की खंडपीठ ने की.
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प्रिंसिपल ने छात्रों को स्कूल से निकाला
स्कूल से निकाले जाने के बाद छात्रों की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन बच्चों का दाखिला दो हफ्ते के अंदर किसी सीबीएसई स्कूल में करवाने का निर्देश दिया. याचिका में कहा गया था कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक मुस्लिम बच्चे और उसके दो भाई-बहन स्कूल टिफिन में बिरयानी लेकर गए थे. जिस वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया. इस वजह से बच्चों के शिक्षा का अधिकार प्रभावित हुआ है.
हाई कोर्ट ने छात्रों के हक में सुनाया फैसला
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में अगर जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा किसी प्रकार का कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है तो उन्हें कोर्ट की अगली तारीख पर पेश होना पड़ेगा. 17 दिसंबर को हुए सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2025 को होगी. टिफिन में बिरयानी ले जाने की वजह से गलत तरीके से बच्चों को स्कूल से निकाला गया है. यह ना सिर्फ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है बल्कि उनके अधिकारों का उल्लंघन भी है.