मंदिर मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा RSS, 6 दिसम्बर को नहीं मनाएगा शौर्य दिवस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अयोध्या मुद्दे (Ayodhya Case) पर आए निर्णय के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अयोध्या मुद्दे (Ayodhya Case) पर आए निर्णय के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.

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Yogendra Mishra
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मंदिर मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा RSS, 6 दिसम्बर को नहीं मनाएगा शौर्य दिवस

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अयोध्या मुद्दे (Ayodhya Case) पर आए निर्णय के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. संघ इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ना चाहता है. इसी कारण इस बार छह दिसंबर को होने वाले शौर्य दिवस (Shaurya Diwas) को आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया गया है. संघ सूत्रों के अनुसार, "राममंदिर (Ram Temple) मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से आए फैसले के बाद जिस तरह शांतिपूर्वक माहौल रहा है, वैसा ही माहौल आगे बना रहे. इस कारण यह फैसला लिया गया है."

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संघ ने इसलिए अपने अनुषांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को अलर्ट कर रखा है. शौर्य दिवस के चक्कर में अति उत्साह में कोई ऐसी घटना न हो जाए, जिसे लेकर एक विवाद खड़ा हो और मंदिर मुद्दा खटाई में पड़ जाए. इसी कारण छह दिसम्बर को होने वाले शौर्य दिवस को नहीं मनाने का फैसला किया गया है.

साथ ही संघ चाहता है कि इस मुद्दे पर फैसला आने के बाद मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर लोगों ने जिस तरह से इसे स्वीकार किया है, इसे देखते हुए कोई अनर्गल बयानबाजी न की जाए. इसी कारण मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से पुनर्विचार याचिका पर सभी को बोलने से मना किया गया है. दोनों संगठन चाहते हैं कि इस मुद्दे पर कहीं कुछ भी ऐसा न हो, जिससे मुस्लिम समाज के दिल में कोई आशंका उत्पन्न हो. इसी कारण वह बहुत सोंच समझकर आगे बढ़ रहे हैं.

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विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "सर्वोच्च न्यायालय से रामलला के पक्ष में आए निर्णय के बाद अब मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इसीलिए छह दिसम्बर को विहिप के पदाधिकारियों ने शौर्य दिवस के इस कार्यक्रम को स्थागित कर दिया है."

उन्होंने बताया कि शौर्य दिवस के कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय विहिप पदाधिकारियों ने लेकर देश मे शांति और सद्भाव को बल प्रदान किया है. शर्मा ने कहा कि विहिप नही चाहती है कि न्यायालय के इतने बड़े निर्णय को हम दो चार घंटे मे सीमित कर दें.

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उन्होंने कहा, "छह दिसंबर की घटना हिन्दुओ को सैदव स्वाभिमान और सम्मान का स्मरण कराती रहेगी." शर्मा ने बताया कि इस बार विश्व हिंदू परिषद ढांचा ध्वंस की 28वीं बरसी पर छह दिसंबर को शौर्य दिवस के स्थान पर मठ-मंदिरों और घरों में दीप प्रज्वलित करेगी.

Source : आईएएनएस

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