राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने विश्व हिंदू परिषद की धर्मसंसद में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि मंदिर निर्माण का काम नजदीक आ पहुंचा है, इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाने चाहिए. मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन को वीएचपी (VHP) विश्वव्यापी बनाना चाहती थी, आरएसएस (RSS) ने उसमें मदद की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर वीएचपी का आंदोलन हैं, आरएसएस कोई आंदोलन नहीं चलता है. आरएसएस सिर्फ इस आंदोलन में घटक है.
भागवत ने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर चल रहे मामले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर हमारी प्राथमिकता नहीं है, तो हमने कहा कि इसका मतलब हमें न्याय नहीं मिलने वाला है.
उन्होंने कहा कि अयोध्या में अब अगर कुछ बनेगा तो सिर्फ भव्य राम मंदिर (Ram Temple) बनेगा और कुछ नहीं बनेगा. मंदिर का निर्माण एक साल में आरंभ हो हम ऐसा कुछ करना चाहते हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा राम मंदिर को लेकर सावधानी से कदम उठाने की अपील की. भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण का काम नजदीक आ पहुंचा है, इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाने चाहिए.
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भागवत ने कहा कि मंदिर पर चुनावी मुद्दा बनाने को लेकर कहा कि हमें ये देखना है कि मंदिर कौन बनाएगा, अगर वो मंदिर वोटों के लिए नहीं बनाएंगे तो बहुत उत्कृष्ट और महान मंदिर बनेगा.
भागवत ने कहा कि चुनाव नजदीक है और राम मंदिर बनाने वाले ये जरूर कहेंगे कि हमें वोट दो क्योंकि हम मंदिर बनाएंगे. लेकिन इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के विजय का काल आ गया है, भव्य मंदिर के निर्माण में संघ अपनी पूरी ताकत लगायेगा.
आरएसएस प्रमुख ने धर्म संसद के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि अगले 4-6 महीने में कुछ हो गया तो ठीक है, नहीं तो उसके बाद कुछ ना कुछ तो अवश्य होगा.
Source : News Nation Bureau