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उत्तर प्रदेश के रोडवेज चालकों ने सोशल मीडिया पर बयां किया अपना दर्द, पढ़ें पूरी खबर

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के अनुबंधित बस चालकों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी उस 'दयनीय' स्थिति को उजागर किया है.

Updated on: 11 Jul 2019, 03:51 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के अनुबंधित बस चालकों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी उस 'दयनीय' स्थिति को उजागर किया है, जिसमें उन्हें काम करना पड़ता है. यूपी परिचालक के नाम से फेसबुक पेज पर चालकों ने एक पोस्ट में कहा कि यदि दुर्घटनाग्रस्त बस के चालक ने दुर्घटना को अंजाम दिया, तो वह जिम्मेदार है, लेकिन यही यूपीएसआरटीसी, चालकों को कम पारिश्रमिक पर नौकरी देता है और उनसे दोगुना काम लेता है. इस नीति के माध्यम से यूपीएसआरटीसी लाभ भी कमाता है.

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पोस्ट में यह भी लिखा गया है कि अनुबंधित वाहन चालक और कंडक्टर को प्रति किलोमीटर 1 रुपये 36 पैसे दिए जाते हैं और उनसे उम्मीद की जाती है कि वह 16 से 17 घंटे काम करें. बता दें कि यूपीएसआरटीसी में करीब 26,000 चालक और कंडक्टर हैं, जिनमें से 17,500 अनुबंध पर नियुक्त किए गए हैं. अनुबंध पर नियुक्त किए गए चालक प्रति किलोमीटर के आधार पर मेहताना पाते हैं. वहीं नियमित चालक जिन्हें 22 दिनों की ड्यूटी पर लगाया जाता है और जो 5,000 किलो मीटर की दूरी तय करते हैं, उन्हें 3,000 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलता है.

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पोस्ट में कहा गया है कि यदि अनुबंधित चालक 5,000 किलोमीटर की दूरी से कम दूरी तय करते हैं, तो उनके कार्य के दिनों को 22 के बजाय 21 दिन ही लिखा जाता है. अनुबंधित कर्मचारी प्रतिदिन 15 से 20 घंटे काम करता है, क्योंकि उन्हें अपने परिवार को चलाने के लिए धन की जरूरत होती है. हम उन बसों को चलाने के लिए बने हैं, जो खराब स्थिति में हैं और अगर हम उसे चलाने से मना करते हैं, तो हमारी सेवाएं समाप्त हो जाती हैं. इसके अलावा अतिरिक्त ईंधन और कोई क्षति होने पर उसकी पूर्ति भी अनुबंधित कर्मचारियों को करनी पड़ती है.

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