कुपोषण के खिलाफ जंग में प्रभावी हथियार बनेगा ये चावल, जानें कैसे
खाद्यान्न सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा भी जरूरी है. सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता के नाते और भी. स्वस्थ्य और सशक्त भारत के लिए कुपोषण दूर करना अनिवार्य शर्त है. इस बाबत पहले भी कई प्रयास हो चुके हैं पर इनको अपेक्षित सफलता नहीं मिली.
लखनऊ :
खाद्यान्न सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा भी जरूरी है. सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता के नाते और भी. स्वस्थ्य और सशक्त भारत के लिए कुपोषण दूर करना अनिवार्य शर्त है. इस बाबत पहले भी कई प्रयास हो चुके हैं पर इनको अपेक्षित सफलता नहीं मिली. पहली बार योगी सरकार ने इस बाबत ठोस पहल की है. इसके लिए लोगों के सबसे पसंदीदा भोजन चावल को ही हथियार बनाया है. यह फोर्टिफाइड चावल लोगों का भोजन भी होगा और दवा भी. इसमें जरूरी मात्रा में मौजूद आयरन, जिंक, विटामिन ए, ब-1, बी-12, तथा फॉलिक एसिड के अलावा जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व भी मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक जिले चंदौली से इसकी वर्चुअल उद्घाटन भी कर दिया. फरवरी से चंदौली की राशन की सभी दुकानों से सिर्फ फोर्टिफाइड चावल ही मिलेगा. साल के अंत तक प्रदेश की सभी राशन की दुकानों पर यह चावल उपलब्ध होगा.
फोर्टिफाइड चावल की खूबियों का प्रचार-प्रसार भी करेगी सरकार
लोग इसका प्रयोग करें, इसके लिए सरकार इस चावल की खूबियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेगी. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी. चावल की खूबियों को लोग जानें और इसकी कालाबाजारी न हो इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी भी नियुक्त होंगे.
मालूम हो कि चावल भारतीय लोगों का सबसे पसंदीदा भोजन है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के मुताबिक देश के करीब 65 फीसद लोग भोजन में चावल का उपयोग करते हैं. ऐसे में फोर्टिफाइड चावल कुपोषण के खिलाफ जंग में प्रभावी भूमिका निभा सकेगा.
क्या है जरूरत
कुपोषण भारत की प्रमुख समस्या है. देश में 6 माह से 5 साल के 59 फीसद बच्चे, 15 से 50 साल की 53 फीसद महिलाएं और इसी आयु वर्ग के 22 फीसद पुरुषों में आयरन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है. यह चावल राशन कार्ड से मिलेगा. राशनकार्ड से खाद्यान्न लेने वालों में स्वाभाविक रूप से कुपोषित लोगों की संख्या औसत से अधिक होगी. लिहाजा कुपोषण के लिहाजा से समाज का जो तबका सर्वाधिक संवेदनशील है उसके लिए यह भोजन के साथ दवा का भी काम करेगा.
मिलर्स को भी होगा लाभ
फोर्टिफाइड चावल में सामान्य चावल पर ही एक परत के रूप में जरूरी मात्रा में आयरन, विटामिन्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों को कोट चढ़ाना होता है. इस प्रक्रिया से चावल को प्रसंस्कृत करने का लाभ मिलर्स को भी होगा. इससे एमएसएमई सेक्टर में स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. साथ ही सिद्धार्थनगर का कालानमक जिसमें परंपरागत चावल की तुलना में जिंक एवं आयरन अधिक हैं उनकी भी लोकप्रियता और मांग बढ़ेगी. इसका लाभ यहां के किसानों को बढ़ी आय के रूप में मिलेगा.
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