UP में 1000 साल पुराने जंगल में है रहस्मयी कुंआ, नहाने से रोग मिट जाने का दावा, क्या कहते हैं वैज्ञानिक

UP News: उत्तर प्रदेश में 1000 साल पुराने जंगल में एक ऐसा रहस्यमयी कुंआ मौजूद है, जो न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि लोगों का दावा है कि इसमें नहाने से उनकी बीमारियां भी दूर होती हैं. हालांकि, इसपर वैज्ञानिकों का क्या तर्क आइए समझते हैं.

UP News: उत्तर प्रदेश में 1000 साल पुराने जंगल में एक ऐसा रहस्यमयी कुंआ मौजूद है, जो न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि लोगों का दावा है कि इसमें नहाने से उनकी बीमारियां भी दूर होती हैं. हालांकि, इसपर वैज्ञानिकों का क्या तर्क आइए समझते हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Rampur well mystery

Representational Image Photograph: (Social)

UP News: जल ही जीवन हैं ये तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि पानी बीमारियों को भी ठीक कर सकता है. जी हां, उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक ऐसी जगह है, जहां एक 1000 साल पुराना रहस्यमयी कुंआ मौजूद है. स्थानीय लोग दावा करते हैं कि इस पुराने कुंए के पानी से लोगों की चमड़ी से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह जंगल रामपुर के स्वार तहसील में स्थित है, जिसे पिपली वन के नाम से जाना जाता है. 

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चमत्कारी कुएं की अनोखी मान्यता

स्थानीय लोगों की मानना है कि इस कुएं का पानी किसी औषधीय गुणों से कम नहीं है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से चर्म रोग से पीड़ित है और इस कुएं के पानी से स्नान करता है, तो उसकी बीमारी धीरे-धीरे ठीक हो जाती है. कई लोगों ने इस पानी को पीकर भी खुद को स्वस्थ करने का दावा किया है.

ये है इतिहास और धार्मिक आस्था

माना जाता है कि यह कुआं करीब 1000 साल पुराना है और प्राचीन काल से ही इसका महत्व रहा है. आसपास के गांवों के लोग इसे चमत्कारी कुआं मानते हैं और यहां विशेष रूप से पूजा-अर्चना करने आते हैं. कुछ बुजुर्गों का कहना है कि इस कुएं का निर्माण किसी ऋषि या संत ने किया था, जिनकी तपस्या के कारण इसका जल दिव्य गुणों से भरपूर हो गया.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

हालांकि, इस कुएं के पानी की चिकित्सा शक्ति को वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें घुलित खनिज और प्राकृतिक औषधीय तत्व मौजूद हो सकते हैं, जो त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में सहायक होते हैं. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और मिट्टी की खासियत की वजह से पानी में औषधीय तत्व मौजूद हो सकते हैं.

उमड़ते हैं श्रद्धालु

बता दें कि हर साल हजारों लोग इस कुएं के दर्शन करने और इसके जल से स्नान करने आते हैं. स्थानीय प्रशासन ने भी इस ऐतिहासिक कुएं को संरक्षित करने और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की योजना बनाई है.

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