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कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तरह भव्य बने राम मंदिर, इस संत ने उठाई मांग

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण को लेकर कामों में तेजी देखी जा रही है. इस बीच अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के मॉडल पर साधु-संतों ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

Updated on: 01 Jan 2020, 03:39 PM

अयोध्या:

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण को लेकर कामों में तेजी देखी जा रही है. इस बीच अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के मॉडल पर साधु-संतों ने सवाल खड़े कर दिए हैं. द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य श्रीधरानंद ने अयोध्या में प्रस्तावित राम जन्मभूमि मंदिर के मॉडल को बहुत ही छोटा बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर को कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर भव्य बनाया जाए.

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श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि सैंकड़ों सालों बाद रामलला को न्याय मिला है. अयोध्या राम मंदिर का फैसला रामलला के पक्ष में आया है इसलिए अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है. सरकार यदि भव्य मंदिर नहीं बनवा सकती है तो यह काम साधु संतों के हाथ में सौंप देना चाहिए.

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उन्होंने आगे कहा कि राम लला के मंदिर निर्माण में अभी दो से तीन सालों का समय लग सकता है. इसलिए भगवान राम के विग्रह को स्थापित करने के लिए चंदन की लकड़ी का सोने का जड़ा एक मंदिर तैयार हो रहा है. जिसका मॉडल प्रयागराज के माघ मेले में संगम किनारे रखा जाएगा. मेले में आने वाले लखो श्रद्धालु उसे देख सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया की राम मंदिर का नया मॉडल कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती द्वारा तैयार कराया जा रहा है. उसे भी माघ मेले में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा.