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अयोध्या भूमि घोटाला: राम मंदिर ट्रस्ट के निशाने पर प्रियंका और संजय, खिंचेगा कानूनी शिकंजा

अयोध्या में राम मंदिर परिसर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर लग रहे घोटाले के आरोपों के बीच राम मंदिर ट्रस्ट उस पर कानूनी कार्रवाई करने के मूूड में हैं.

Updated on: 27 Jun 2021, 07:17 PM

highlights

  • अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमि में घोटाले के लग रहे आरोप
  • प्रियंका गांधी और संजय सिंह को कोर्ट में घसीटेगा राम मंदिर ट्रस्ट
  • अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि की खरीद फरोख्त से जुड़ा केस

नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर परिसर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर लग रहे घोटाले के आरोपों के बीच राम मंदिर ट्रस्ट उस पर कानूनी कार्रवाई करने के मूूड में हैं. इस मामले में फ्रंट पर आए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य नेताओं पर भी मानहानि का केस दर्ज करवाया जा सकता है. हालांकि अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास इस संबंध में लीगन एडवाइज ले रहा है. सूत्रों की मानें तो फिलहाल इसमें दो विकल्पों पर विचार विमर्श किया जा रहा है. 

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प्रियंका गांधी और संजय सिंह के खिलाफ भी मानहानि का केस

जानकारी के अनुसार इस दिशा में जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा कि आगे की कार्रवाई की रूपरेखा क्या होगी. विश्व हिंदू परिषद वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने बताया कि इस मामले में प्रियंका गांधी और संजय सिंह के खिलाफ भी मानहानि का केस दर्ज किया जा सकता है. हालांकि यह न्यास को ही तय करना होगा कि केस सिविल चार्जेज में होगा या फिर क्रिमिनल? आलोक कुमार के अनुसार इससे पहले संजय सिंह के खिलाफ अरुण जेटली और नितिन गडकरी की ओर से भी मानहानि का केस दर्ज कराया जा चुका है. लेकिन माफीनाम पेश होने के कारण दोनों नेताओं ने संजय सिंह को माफ कर दिया था. 

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अयोध्या में स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि का मामला

आपको बता दें कि इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर की जमीन की खरीद में कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच एक और बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि अयोध्या में स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि को पूरी पारदर्शिता के साथ कौशल्या सदन आदि महत्वपूर्ण मंदिरों की सहमति से खरीदा गया है। बयान में यह भी कहा गया कि यह ध्यान देने योग्य है कि उपरोक्त भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के पास मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान पर है.इस भूमि के संबंध में वर्ष 2011 से वर्तमान वेंडरों के पक्ष में अलग-अलग समय (2011, 2017 एवं 2019) में ठेका निष्पादित किया गया था. जैसे ही तीर्थ क्षेत्र से अनुबंध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का काम किया गया, उसके बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ पंजीकृत किया गया.