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Fact Check : राम मंदिर के लिए नींव खुदाई की खबर झूठी, सच्ची खबर यहां पढ़ें

Ram Mandir Foundation: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए नींव खुदाई को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया की खबर के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव खुदाई शुरू हो गई है, लेकिन यह सच नहीं है.

Updated on: 08 Sep 2020, 07:40 PM

नई दिल्‍ली:

Ram Mandir Foundation: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए नींव खुदाई को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया की खबर के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव खुदाई शुरू हो गई है, लेकिन यह सच नहीं है. न्यूज नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, यह नींव खुदाई नहीं है, बल्कि अभी टेस्टिंग के तौर पर सिर्फ 100 फीट की पाइलिंग ही होगी.

अयोध्या में नृपेंद्र मिश्र की हुई बैठक में नींव खुदाई के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. अयोध्या में राम मंदिर के लिए नींव खुदाई का काम अब अक्टूबर के मध्य से शुरू होगा. अभी टेस्टिंग के तौर पर सिर्फ एक 100 फ़ीट की पाइलिंग होगी. ये पाइलिंग कितनी मजबूत होगी. इसके निरीक्षण में एक महीने का समय लगेगा. निरीक्षण के बाद अगले महीने से नींव खुदाई होगी. साथ ही 1200 खभों के लिए भी नींव खोद जाएगा.

आपको बता दें कि सुबह खबर आई कि अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर मंगलवार से नींव की खुदाई का काम शुरू होगा. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे. इसके बाद वह अयोध्या के लिए रवाना हो गए थे. इसके बाद मंगलवार को नृपेंद्र मिश्र ने बैठक कर अक्टूबर के मध्य से नींव खुदाई करने का फैसला लिया है.

गौरतलब है कि ट्रस्ट नींव की खुदाई में जरा भी देरी नहीं चाहता है. ट्रस्ट चाहता है कि खुदाई का काम जल्दी से शुरू हो. बताया जा रहा है कि मंदिर की नींव खुदाई के लिए दो मशीनें पहुंच चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, मंदिर की नींव के लिए भूमि में 100 फुट गहराई तक कुआं खोदने वाली दो मशीनें रविवार को राम जन्मभूमि परिसर पहुंच गई हैं. कानपुर से पहुंची कासाग्रांड मशीन से पाइलिंग की जाएगी.

दरअसल, पूरे परिसर में 1200 जगहों पर पाइलिंग होनी है. मशीनों को रामजन्म भूमि परिसर के गेट नंबर तीन पर से ले जाया जाएगा. पाइलिंग मशीनों से खम्भों को खड़ा करने के लिए खुदाई की जाएगी. राम मंदिर के निर्माण स्थल पर जर्जर मंदिरों को हटाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. वहीं, सीबीआरआई और आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञों की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर नींव की डिजाइन तैयार हो रही है. साथ ही ट्रस्ट की ओर से चेन्नई भेजी गयी गिट्टियों और मोरंग का परीक्षण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. सीमेन्ट स्टैंडर्ड की रिपोर्ट विशेषज्ञों ने भेज दी है.