Ram Mandir Flag Ceremony: बहुत खास है राम मंदिर में फहराया जाने वाला ध्वज, जानें क्या इसकी खूबियां और इसे फहराने की वजह

Ram Mandir Flag Ceremony: अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में एक बार फिर भव्य समारोह आयोजित होने जा रहा है. मौका है मंदिर के निर्माण कार्य का पूरा होना और  मंदिर में ध्वज फहराया जाना.

Ram Mandir Flag Ceremony: अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में एक बार फिर भव्य समारोह आयोजित होने जा रहा है. मौका है मंदिर के निर्माण कार्य का पूरा होना और  मंदिर में ध्वज फहराया जाना.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
Ram Mandir Flag Ceremony

Ram Mandir Flag Ceremony: अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में एक बार फिर भव्य समारोह आयोजित होने जा रहा है. मौका है मंदिर के निर्माण कार्य का पूरा होना और  मंदिर में ध्वज फहराया जाना.  ध्वजारोहण समारोह में अहमदाबाद में निर्मित ध्वज का उपयोग किया जाएगा.  इसे 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फहराएंगे. आइए जानते हैं इस ध्वज की खूबियां और आखिर किसी मंदिर में कब और क्यों फहराया जाता है मंदिर. 

Advertisment

क्यों और कब फहराया जाता है ध्वज

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्म ध्वज का भव्य आरोहण होगा. दरअसल जब भी मंदिर पर ध्वज फहाराया जाता है तो उसका मतलब होता है मंदिर निर्माण की पूर्णता का अंतिम और पवित्र चरण.  शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार किसी भी मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरने का अर्थ है कि वह स्थान पूर्णतः जीवंत, जाग्रत और दैवीय ऊर्जाओं से संपन्न हो चुका है.

धर्म ध्वज का आध्यात्मिक महत्व

राम मंदिर का ध्वज गहरे केसरिया रंग का होगा, जो सनातन संस्कृति में त्याग, शौर्य, बलिदान और चेतना का प्रतीक है. यह वही रंग है जिसने रामभक्तों और साधु-संतों की अनगिनत यात्राओं और बलिदानों को सूत्रबद्ध किया है. ध्वज पर इक्ष्वाकु वंश, रघुकुल की परंपरा और कोविदार वृक्ष का चिह्न उकेरा गया है वहीं राजचिह्न जिसे वाल्मीकि रामायण में सूर्यवंशी राजाओं का गौरव बताया गया है. साथ ही ‘ॐ’ और भगवान सूर्य की आकृति श्रीराम की सूर्यवंशी विरासत का संकेत देती है. 

विशाल संरचना और तकनीकी तैयारी

22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा यह धर्म ध्वज 42 फीट ऊंचे ध्वज-दंड पर स्थापित किया जाएगा, जिसे 360 डिग्री घूमने की विशेष प्रणाली से जोड़ा गया है. ध्वज लगभग 200 फीट की ऊंचाई पर लहराएगा, जिसके लिए अत्याधुनिक पुली सिस्टम, भारी रस्सों और इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग किया गया है ताकि किसी भी तकनीकी बाधा की संभावना न रहे. ध्वज को जमीन से शिखर तक ले जाने की रिहर्सल पहले ही सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है.

क्या बोले ध्वज निर्माता

राम मंदिर में फहाराए जाने वाले ध्वज का निर्माण के गुजरात के अहमदाबाद शहर में हुआ है. ध्वज का निर्माण कश्यप मेवाड़ा  ने किया है. उनकी मानें तो "यह तीन-परत वाले कपड़े से बना है... इसे बनाने में लगभग 25 दिन लगे... सब कुछ स्वदेशी है. यह पूरी तरह से हाथ से बनाया गया है... यह गुजरात और हमारे समुदाय के लिए गर्व की बात है."

पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान

बता दें कि ध्वजारोहण से पहले 20 से 25 नवंबर तक विशेष वैदिक अनुष्ठानों का आयोजन हो रहा है. 501 महिलाओं की कलश यात्रा से प्रारंभ हुए इस उत्सव में काशी और दक्षिण भारत के 108 विद्वान वैदिक मंत्रोच्चार करेंगे. गणपति पूजन, चतुर्वेद पारायण, नवग्रह पूजन और यज्ञ मंडप के द्वारों का विशेष अभिषेक इस प्रक्रिया का हिस्सा है. तुलसीदास की वाणी" ध्वज पताक तोरणपुर छावा…" की परंपरा को पुनः जीवंत करते हुए देवताओं का आह्वान किया जाएगा. 

Uttar Pradesh Ram Mandir
Advertisment