किसान आंदोलन पर केंद्र की 'खामोशी', राकेश टिकैत को 'बड़े कदम' का अंदेशा
पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार (Modi Government) की खामोशी इशारा कर रही है कि सरकार किसानों के आंदोलन के खिलाफ कुछ रूपरेखा तैयार कर रही है.
highlights
- सरकार किसान आंदोलन के खिलाफ कुछ तैयार कर रही
- 24 मार्च तक देश में कई जगह महापंचायत की जाएगी
- आंदोलन कृषि कानूनों की वापसी पर ही होगा खत्म
बिजनौर:
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार (Modi Government) की खामोशी इशारा कर रही है कि सरकार किसानों के आंदोलन के खिलाफ कुछ रूपरेखा तैयार कर रही है. सरकार और किसान यूनियनों (Farmers Protest) के बीच बातचीत का दौर थम जाने पर उन्होंने कहा कि फिर से बात करने का प्रस्ताव सरकार को ही लाना होगा. बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जाते समय रविवार रात बिजनौर के अफजलगढ़ में पत्रकारों से कहा, '15-20 दिनों से केंद्र सरकार की खामोशी से संकेत मिल रहा है कि कुछ होने वाला है. सरकार आंदोलन के खिलाफ कुछ कदम उठाने की रूपरेखा बना रही है.'
24 मार्च को महापंचायत
टिकैत ने कहा, 'समाधान निकलने तक किसान वापस नहीं जाएंगे. किसान भी तैयार है, वह खेती भी देखेगा और आंदोलन भी करेगा. सरकार को जब समय हो वार्ता कर लें.' उन्होंने कहा कि 24 मार्च तक देश में कई जगह महापंचायत की जाएगी. गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान लालकिला परिसर में हुए बवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा बखेड़ा सरकार ने खड़ा किया. तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा जगह-जगह अपनी खड़ी फसल नष्ट कर देने संबंधी सवाल पर टिकैत ने कहा, 'किसान यूनियन तो किसानों को बता रही है कि अभी ऐसा समय नहीं आया है, लेकिन सरकार किसान को ऐसा कदम उठाने से रोकने के लिए कोई अपील क्यों नहीं कर रही है.'
यह भी पढ़ेंः विपक्ष जिस पर उठा रहा था सवाल, PM ने वही टीका लगवाकर दिया बड़ा संदेश
डीएम दफ्तर पर धरना देंगे किसान
राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर किसान आंदोलन को बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि अब गेंहू की तैयार फसल आने वाली है, अगर किसान का गेंहू एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता है तो सरकार जिम्मेदार होगी और इसके लिए किसान जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना देंगे. गौरतलब है कि राकेश टिकैत पीएम नरेंद्र मोदी के किसान कानूनों और एमएसपी पर दिए गए आश्वासनों के बावजूद बातचीत के लिए खुद कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं. उनका यही कहना है कि बातचीत होती रहेगी, लेकिन आंदोलन किसान कानूनों की वापसी पर ही खत्म होगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में