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Allahabad High Court Judge( Photo Credit : news nation file)
Allahabad high court: भारतीय ट्रेन से लाखों लोग प्रतिदिन सफर करते हैं. लोग आरामदायक सफर के लिए रेल का इस्तेमाल करते हैं. वहीं आए दिन ट्रेन लेट होने की घटना होती रहती है. आम लोगों अब इसको सफर को हिस्सा मानने लगे हैं. वहीं रेलवे विभाग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश को इंतजार करवाना और सफर में हुई असुविधा महंगी पड़ गई. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने रेलवे विभाग को खत लिख कर 8 जुलाई को दिल्ली से प्रयागराज जाने तक पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में सफर के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हुआ असुविधा के लिए जवाब तलब किया है.
दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 14 जुलाई को दिल्ली से प्रयागराज के बीच पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में सफर के दौरान ट्रेन 3 घंटे से अधिक लेट चली लेकिन सफर के दौरान न्यायाधीश को नास्ता या खाना नहीं दिया गया. रजिस्टार ने नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के जेनरल मेनेजर को चिट्ठी लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की डिमांड की है. जानकारी के मुताबिक ये घटना 8 जुलाई का बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश गौतम चौधरी अपनी पत्नी के साथ पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फस्ट क्लास में नई दिल्ली से प्रयागराज जा रहे थे.
नहीं मिला रीफ्रेशमेंट
8 जुलाई को ट्रेन इस दौरान तीन घंटे से अधिक लेट हो गई थी. जज के द्वारा बार- बार टीटीई से कहा कि किसी जीआरपी जवान को भेज दे लेकिन कई बार कहने के बाद ही कोई जवान नहीं आया. यहीं नहीं कई बार पेंट्री कार में फोन करने के बाद भी किसी तरह का रीफ्रेशमेंट नहीं दिया गया. यहां तक कि जज के द्वारा पेंट्री कार के मैनेजर को कॉल किया लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया. इसके बाद जज ने नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर को आदेश देकर रेलवे अधिकारियों, जीआरपी और पेंट्री कार संचालक से जवाब मांग है. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के पीआरओ ने इस संबंध में कहा कि संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है जवाब मिलते ही हाइकोर्ट को उत्तर दे दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau