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लोकसभा चुनाव में इन कारणों से राहुल गांधी ने गंवाई थी अमेठी सीट, आज करेंगे समीक्षा

कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी (SP) के 'असहयोग' को इसका कारण बताया है.

Updated on: 10 Jul 2019, 08:19 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में अमेठी सीट हारने के बाद आज पहली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहां का दौरा करेंगे. कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी से बीजेपी की स्मृति इरानी ने तकरीबन 55 हजार वोटों से जीत दर्ज हासिल की. राहुल गांधी वहां हार की समीक्षा करेंगे. इससे पहले अमेठी से राहुल गांधी की हार की वजहों की तलाश कर रही कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी (SP) के 'असहयोग' को इसका कारण बताया है. समिति ने कहा कि दोनों ही पार्टियों की स्थानीय यूनिट ने कांग्रेस का पर्याप्त साथ नहीं दिया था और उनके वोट बीजेपी के खाते में चले गए.

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बीजेपी के खाते में चले गए एसपी-बीएसपी के वोट
समिति के सदस्य कांग्रेस सचिव जुबैर खान और केएल शर्मा ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि अमेठी में एसपी और बीएसपी की स्थानीय इकाई ने कांग्रेस (Congress) को सहयोग नहीं दिया और इस वजह से इन पार्टियों के अधिकांश वोट बीजेपी (BJP) के खाते में चले गए. इस बात को थोड़ा और ठीक से समझाते हुए अमेठी के एक स्थानीय कांग्रेसी ने कहा, 'राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को साल 2014 के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिले थे. पिछले लोकसभा चुनाव में जहां उन्हें 4.08 लाख वोट मिले थे, वहीं इस बार उन्हें 4.13 लाख लोगों ने वोट दिया था.'

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जितने वोटों से हारे, उतने मिले एसपी-बीएसपी को
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में यहां से बीएसपी कैंडिडेट (BSP Candidate) को 57 हजार वोट मिले थे और 2019 के चुनाव में राहुल गांधी की हार 55 हजार वोटों (Rahul Gandhi Defeat) से हुई है. अगर बीएसपी का वोट कांग्रेस के खाते में आ जाता, तो राहुल गांधी नहीं हारते. अमेठी के कांग्रेस प्रमुख योगेंद्र मिश्रा भी इस बात का समर्थन करते हैं. उन्होंने भी कहा कि एसपी-बीएसपी का असहयोग ही राहुल की हार का प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अमेठी में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन फिर भी कांग्रेस को उनका साथ नहीं मिला.

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गायत्री प्रजापति के बेटे ने स्मृति के लिए किया प्रचारः मिश्रा
मिश्रा ने बताया कि सपा नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) के बेटे अनिल प्रजापति ने खुलेआम स्मृति इरानी के लिए प्रचार किया था. इसके अलावा गौरीगंज से एसपी विधायक राकेश सिंह ने अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाने के लिए बीजेपी का साथ दिया. हालांकि, राकेश सिंह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. बता दें कि गौरीगंज विधानसभा में राहुल गांधी 18 हजार वोटों से स्मृति इरानी (Smriti Irani) से पीछे रहे थे. वह केवल अमेठी विधानसभा से लीड पोजीशन (Lead) में थे जबकि जगदीशपुर, तिलोई और सलोन विधानसभा में भी उन्हें बीजेपी से कम वोट मिले.

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समिति अगले हफ्ते सौंपेगी फाइनल रिपोर्ट
राहुल के हार के कारणों की तलाश कर रही दो सदस्यीय समिति ने गौरीगंज (Gauriganj) और तिलोई (Tiloi) विधानसभा के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया है. इसके अलावा वह अगले दो दिनों में जगदीशपुर, सलोन और अमेठी के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे. समिति अपनी फाइनल रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले हफ्ते तक भेज सकती है.