वाराणसी: शहीद की पत्नी बोली दिल को चैन तब मिलेगा जब मोदी जी पाकिस्तान को देंगे मुंहतोड़ जवाब
वाराणसी के शहीद रमेश यादव अनगिनत यादों के साथ परिवारवालों को छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए. शहीद रमेश यादव की पत्नी रंजना को रह रहकर पुरानी बात याद आ रही है
नई दिल्ली:
वाराणसी के शहीद रमेश यादव अनगिनत यादों के साथ परिवारवालों को छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए. शहीद रमेश यादव की पत्नी रंजना को रह रहकर पुरानी बात याद आ रही है और उनका कलेजा फट पड़ रहा है. उनके ख्वाबों में राम...हां इसी नाम से रंजना उन्हें पुकारा करती थी क्योंकि उसका कहना था कि भगवान राम की तरह उन्होंने मेरी मांग में भी सिंदूर भरा था. रंजना कहती है जब राम (रमेश यादव ) इंटर में थे तो उन्होंने उनका हाथ थामा. रमेश उस वक्त गाड़ी चलाते थे. लेकिन शादी के बाद उनकी नौकरी सीआरपीएफ में हो गई. रंजना भीगी आंखों से कहती हैं नौकरी लगने के बाद उन्होंने मुझसे वादा किया अब तुम्हारी हर ख्वाईश पूरी करेंगे और हमारे जीवन में खुशियां आ गई..इसी दौरान हम दोनों का प्यार हमारी जिंदगी में आयुष के रूप में आया. सबकुछ तो अच्छा चल रहा था.
रंजना आगे कहती हैं पांच दिन पहले ही छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटने से पहले 18 हजार का मोबाइल किस्त में खरीदकर मुझे दिया था, ताकि हम वीडियो कॉल के जरिए एक दूसरे के साथ रह सकें. उस दिन भी (हादसे वाले दिन) रमेश से मेरी वीडियो कॉलिंग के जरिए बात हुई थी. उन्होंने कहा था यहां खतरा बहुत है...कैंप में पहुंचकर बात करूंगा.
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रंजना आगे कहती हैं...इसके बाद मैं सो गई...जब मैं उठी तो देखा कोई फोन नहीं आया है...मैंने राम को वीडियो कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. उसी दौरान टीवी पर खबर आई...मुझे लगा पुरानी खबर होगी कोई...काश मेरा सोचना सच होता...लेकिन तभी फोन आया...उधर से आवाज आई कोई गार्जियन हो तो बात कराइए, फिर खबर मिली की वो शहीद हो गए.
भरी आंखों से रंजना कहती हैं अब कुछ नहीं रह गया जीवन में मेरे राम चल गए...अब दिल को चैन तभी मिलेगा जब बदला लिया जाएगा. पकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे मोदी जी. जिस तरह से हमने अपने पति को खोया है उसी तरह वहां भी तबाही हो ...युद्ध हो ..और पाकिस्तान तबाह हो जाए.
शहीद रमेश का डेढ़ साल का बेटा अपने दोस्तों के साथ मिट्टी में खेल रहा था, उसे इल्म नहीं है कि उसके पिता कभी नहीं लौटने वाले हैं. जब उससे पूछा गया तो उसने अपनी तोतली जबान में कहा पापा ड्यूटी पर गए हैं...शायद ही कोई होगा जो यह सुनकर रो नहीं पड़ा होगा.
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