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मस्जिदो व धार्मिक स्थलो पर लाउडस्पीकर बजाने पर रोक की मांग मे जनहित याचिका

लाउडस्पीकर के दिन व रात में प्रयोग होने से नींद पूरी न होने के कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप, अवसाद, चिड़चिड़ापन, थकान, एलर्जी, पाचन संबंधी समस्याएं व मानसिक विकार हो रहा है.

Updated on: 28 May 2021, 12:18 AM

highlights

  • दूसरी लहर से कई राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रत्येक नागरिक घर पर है
  • लोग ऑफिस का काम घर से कर रहे हैं
  • दिन में कई बार   लाउडस्पीकर के प्रयोग से मानसिक तनाव हो रहा है

उत्तर प्रदेश:

मस्जिदो सहित धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर पर रोक लगाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. जिसकी सुनवाई 28 मई को होगी. आशुतोष कुमार शुक्ला की जनहित याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर से कई राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रत्येक नागरिक घर पर है. लोग ऑफिस का काम घर से कर रहे हैं. घर से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं और वकील भी घर से ही वर्चुअल सुनवाई के जरिये मुकद्दमो की बहस कर रहे है. दिन में कई बार   लाउडस्पीकर के प्रयोग से मानसिक तनाव हो रहा है. लोगो की कार्य में खलल पड़ रहा है. लाउडस्पीकर के दिन व रात में प्रयोग होने से नींद पूरी न होने के कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप, अवसाद, चिड़चिड़ापन, थकान, एलर्जी, पाचन संबंधी समस्याएं व मानसिक विकार हो रहा है. पिछले वर्ष एक अन्य जनहित याचिका पर पारित आदेश का हवाला देते हुए अनुपालन सुनिश्चित करने और धार्मिक पाठ या अजान के लिए लाउडस्पीकर के नियमित उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है. और कहा गया है कि धार्मिक स्थल के आसपास रहने वालो की आपत्ति लेकर मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि से ध्वनि प्रदूषण मानकर का पालन कराया जाये. बिना अनुमति मानक के विपरीत स्पीकर बजाने को प्रतिबंधित करने के कानून का पालन कराया जाये.

कोरोना संक्रमण के चलते देश के कई राज्य सरकारों ने अपने राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लागु कर दिया था, और इसका सकारात्मक प्रभाव ये हुआ कि देश में संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है, कई राज्यों ने तो अनलॉक की प्रक्रिया 1 जून प्रारंभ की घोषणा भी कर दी है, लेकिन केंद्र सरकार ने कोविड के मौजूदा दिशा-निर्देशों को 30 जून तक जारी रखने की अपील की है. केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के केस में गिरावट हो रही है, बावजूद देश में कोरोना संक्रमित के इलाजरत मरीजों की संख्या अब भी बहुत ज्यादा है. बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण के अभी 27,544,455 मामसे है, जिनमें 24,883,254 लोग रिकवर हो चुके है, और अब तक 318,750 लोगों की मौत चुकी है.