logo-image

प्रियंका बोलीं- प्रवासियों के लिए बसों के मामले पर यूपी सरकार ने की राजनीति

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka gandhi Vadra) के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी प्रवासी मजदूरों (Migrant labor) को राज्य में वापस लाने के लिए जो एक हजार बसें चलाना चाहती थी, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुबह लखनऊ भेजने की मांग की थी जो साफ दर्शाता है कि योगी सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित था.

Updated on: 19 May 2020, 03:20 PM

दिल्ली/लखनऊ:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka gandhi Vadra) के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी प्रवासी मजदूरों (Migrant labor) को राज्य में वापस लाने के लिए जो एक हजार बसें चलाना चाहती थी, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुबह लखनऊ भेजने की मांग की थी जो साफ दर्शाता है कि योगी सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित था. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि यूपी सरकार प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को मजदूर प्रवासियों को वापस लाने के लिए 1000 बसें चलाने के कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.

यह भी पढ़ेंः देशभर में 4.5 करोड़ दुकानें खुलीं, दिल्ली सरकार ‘ऑड-ईवन’ नियम पर दोबारा करे विचार: कैट

कांग्रेस के इस प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध की सी स्थिति बन गयी थी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को भेजा था, जिसमें 1000 बसें सभी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में मंगलवार सुबह 10 बजे सौंपने को कहा था. सिंह ने इसके जवाब में एक पत्र में कहा कि ऐसी स्थिति में जब हजारों मजदूर सड़कों पर पैदल चल रहे हैं और हजारों लोग उत्तर प्रदेश सीमा पर विभिन्न पंजीकरण केन्द्रों पर इकट्ठे हो गए हैं, 1000 बसों को खाली लखनऊ भेजना समय और संसाधान की बर्बादी, अमानवीय और गरीब विरोधी मानसिकता है. पत्र में उन्होंने कहा कि आपकी सरकार की यह मांग राजनीति से प्रेरित लगती है. ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार हमारे मजूदर भाइयों-बहनों की मदद करना चाहती है, जो एक आपदा का सामना कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ढेर

उसने कहा कि 16 मई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियाबाद में गाजीपुर सीमा से 500 बसें और नोएडा सीमा से 500 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी ताकि फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचने में मदद कर सकें. इस संबंध में 18 मई शाम चार बजकर एक मिनट पर मुझे एक पत्र मिला और 1000 बसों की सूची, उनके चालक और कंडक्टर का ब्यौरा मांगा गया. इसे ईमेल मिलने के थोड़ी देर बाद ही मुहैया करा दिया गया था. उधर, अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने मंगलवार सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव को भेजे गये पत्र में कहा कि आपके पत्र के अनुसार आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं एवं नोएडा,गाजियाबाद बार्डर पर ही बस देना चाहते है. अत:ऐसी स्थिति में कृपया जिलाधिकारी गाजियाबाद को 500 बसें 12 बजे तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली HC का दो निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने का निर्देश

गाजियाबाद में जिला प्रशासन द्वारा सभी बसों को रिसीव किया जायेगा एवं उनका उपयोग किया जाएगा. कृपया गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे एवं साहिबाबाद बस अड्डे में बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सचिव ने इसका जवाब देते हुये कहा कि कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से. इसलिये यह बसें गाजियाबाद तथा नोएडा बार्डर पर शाम पांच बजे पहुंचायी जाएंगी. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार को लिखा था कि वह प्रवासी श्रमिकों को राज्य में पहुंचाने के लिए एक हजार बसें पार्टी के खर्चे पर चलवाना चाहती हैं और प्रदेश सरकार इसकी अनुमति दे.