logo-image

यूपी चुनाव से पहले प्रियंका को बड़ा झटका, इस दिग्गज नेता ने छोड़ी पार्टी

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी समझे जाने वाले हरेंद्र मलिक ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया

Updated on: 19 Oct 2021, 11:58 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी समझे जाने वाले हरेंद्र मलिक ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. हरेंद्र मलिक प्रियंका गांधी के एडवाइजर के रूप में काम कर रहे थे. हरेंद्र के साथ ही उनके बेटे पंकज मलिक ने भी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है. दोनों पिता-पुत्र वेस्ट यूपी की राजनीति में बड़ा दखल रखते हैं. इसके साथ हरेंद्र बड़ा जाट चेहरा मानें जाते हैं. हालांकि अभी तक दोनों नेताओं ने किसी अन्य दल में जाने की कोई घोषणा नहीं की है. आपको बता दें कि हरेंद्र मलिक सांसद रहे चुके हैं, जबकि उनके बेटे पंकज मलिक कांग्रेस से दो बार विधानसभा सदस्य रह चुके हैं. 

यह भी पढ़ें: घाटी में कश्मीरी युवकों को अब पत्थर नहीं हथगोले देकर फंसा रहा ISI 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के जोरदार प्रयास में लगी कांग्रेस की घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. प्रयागराज से भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा ने कहा, "कांग्रेस पार्टी में कभी भी महिलाओं का सम्मान नहीं रहा. अगर होता तो आधी जिंदगी कांग्रेस की सेवा में समर्पित करने के बाद न मैं पार्टी छोड़ती न ही प्रियंका चतुर्वेदी जैसी युवा कार्यकर्ता को निराश होकर पार्टी छोड़ने का फैसला करना पड़ता. आज राजस्थान, महाराष्ट्र में और पूर्व में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकारों के दौरान महिला उत्पीड़न और शोषण की हर दिन एक नई कहानी सुनने को मिलती है."

यह भी पढ़ें: धाकड़ गर्ल की धाकड़ फिल्म का पोस्टर हुआ रिलीज, जानें क्या है खास?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए रीता बहुगुणा ने कहा कि यूपी जैसे राज्य में जहां कांग्रेस की हार तय है, वहां महिलाओं को चुनाव लड़ाने की बात करना, स्वांग से अलग कुछ भी नहीं. अगर उन्हें इतनी ही महिला हित की चिंता है तो क्यों नहीं अमेठी और रायबरेली की सीटों पर महिलाओं को उतारती. यूपी चुनाव में अपनी हार तय जानकर कांग्रेस न अब महिलाओं को प्रतिनिाित्व देने का राजनीतिक स्टंट शुरू किया है, हालांकि उन्हें इससे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं.