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प्राइवेट अस्पताल में बिना वजह भर्ती थे मरीज, खाली कराए गए 200 बेड

दौरे में पाया गया कि निजी अस्पताल के प्रबंधकों ने बिना किसी खास वजह के मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया है जबकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है.

Updated on: 29 Apr 2021, 01:10 PM

highlights

  • बगैर किसी वजह के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मिले लोग
  • स्वास्थ्य विभाग ने खाली कराए ऐसे लगभग 200 बेड
  • ऑक्सीजन समेत अन्य मसलों पर फैला रहे थे भय

 

नोएडा:

नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के निजी अस्पतालों में कई ऐसे लोग भी भर्ती पाए गए हैं जिन्हें भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं थीं. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. साथ ही प्रशासन ने इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिले के कई निजी अस्पतालों का दौरा किया. दौरे में पाया गया कि निजी अस्पताल के प्रबंधकों ने बिना किसी खास वजह के मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया है जबकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के ऐसे करीब 200 बिस्तर खाली करवाए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, कई निजी अस्पताल के प्रबंधक ऑक्सिजन व दवाएं खत्म होने की कथित तौर पर अफवाह उड़ाकर लोगों में सनसनी पैदा कर रहे हैं.

अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश
जिलाधिकारी ने इस तरह के अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. शनिवार को कुछ अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए हैं.

सीएमओ की टीम ने किया निरीक्षण
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दीपक ओहरि व उनकी टीम के अधिकारियों द्वारा कई अस्पतालों का गहन स्थलीय निरीक्षण किया गया. इस दौरान उनकी टीम ने पाया कि विभिन्न निजी अस्पतालों में बिना आवश्यकता के मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि उनको अस्पताल में रहने की कोई आवश्यकता नहीं है.

ऑक्सीजन की कमी की फर्जी खबरें
वहीं, यह भी पाया गया कि कई अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन को लेकर तथ्यहीन खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की जा रही हैं. जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है. जिलाधिकारी ने ऑनलाइन बैठक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि उनके द्वारा जो स्थलीय निरीक्षण किया गया है, उसके संबंध में लिखित रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें, जिसके आधार पर दोषी अस्पतालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी.