देश के पहले सैनिक स्कूल की 61वीं वर्षगांठ पर शिरकत कर सकते हैं राष्ट्रपति
अमर शहीद जवानों की वीरगाथाओं का साक्षी कैप्टन मनोज कुमार पांडे सैनिक स्कूल! 15 जुलाई 2021 को 61 वां वर्ष पूरा करने जा रहा है. देश के पहले सैनिक स्कूल की 61 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिरकत कर सकते हैं.
लखनऊ:
अमर शहीद जवानों की वीरगाथाओं का साक्षी कैप्टन मनोज कुमार पांडे सैनिक स्कूल! 15 जुलाई 2021 को 61 वां वर्ष पूरा करने जा रहा है. देश के पहले सैनिक स्कूल की 61 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिरकत कर सकते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा राष्टपति राम नाथ कोविंद को स्वर्णिम पलों में गरिमामयी उपस्थिति के लिए आमंत्रित किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार सैनिक स्कूल में 15 जुलाई 2021 तक हीरक जयंती का उत्सव हीरक जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.
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इस स्कूल की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ संपूर्णानंदु ने 15 जुलाई, 1960 में की थी. इस स्कूल का उद्देश्य प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को चयनित कर उनको सैन्योन्मुखी प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश दिलाना है. राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित स्कूल का संचालन यूपी सैनिक स्कूल सोसायटी के जरिए किया जाता है. केन्द्र सरकार ने इस स्कूल का अनुकरण कर राज्यों में भी सैनिक स्कूल की स्थापना की है.
इतिहास के पन्नों में दर्ज है छात्रों की वीर गाथा
इतिहास के पन्नों में इस स्कूल के छात्रों की वीरता दर्ज है. इस स्कूल के छाल सैनिकों की अमर बलिदान की अमिट गाथा उनके मातृप्रेम का बखान करती है. मातृभूमि के लिए न्यौछावर हुए छात्रों को अनेक वीर चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया हैं. यह देश का पहला ऐसा सैनिक स्कूल है जिसने बेटियों को भी प्रवेश दिया है.
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कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे मनोज पांडे
कैप्टन मनोज पांडे सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र थे. वह 1711 गोरखा राइफल्स के अधिकारी थे. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान साहस और नेतृत्व के लिए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परम वीर चक्र से सम्मानित किया था. उनके कार्यों के कारण उन्हें "हीरो ऑफ बटालिक ' के नाम से भी जाना जाता है.
1000 छाल बनें सेना के अधिकारी
यूपी के सैनिक स्कूल के 1,000 से ज्यादा छात्र सेना के अधिकारी बन चुके हैं. जुलाई 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में यूपी सैनिक स्कूल का नाम कैप्टन मनोज पांडे सैनिक स्कूल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. ये स्कूल देश का इकलौता ऐसा सैनिक स्कूल है जो सेना या रक्षा के तहत नहीं आता है.
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