उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बनकर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
छात्रों का कहना है कि 7 मार्च को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में किसी भी संघी (RSS) या उनसे जुड़े किसी भी व्यक्ति को न बुलाया जाये। एएमयू के छात्र संघ सचिव मोहम्मद फहद ने दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय के अथॉरिटी को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने विरोध के कारणों को स्पष्ट किया है। उन्होंने लिखा, 'हम राष्ट्रपति का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हम' संघी 'मानसिकता का विरोध करते हैं जो मानवता के खिलाफ है।'
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ सचिव मोहम्मद फहद ने राष्ट्रपति का विरोध करने की बात को इंकार किया।
ANI को दिए बयान में उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रपति का विरोध नहीं करते, हम 'संघी मानसिकता का विरोध करते हैं। 2010 में राष्ट्रपति ने कहा कि मुस्लिम और ईसाई देश के लिए विदेशी हैं, यह बात आज तक हमें परेशान करती हैं, लेकिन हम राष्ट्रपति का स्वागत करते हैं। 'संघी मानसिकता वाले किसी अन्य व्यक्ति को प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।'
एएमयू के दीक्षांत समारोह में 32 साल बाद कोई राष्ट्रपति शिरकत करने आ रहे है। कोविंद से पहले 1986 में ज्ञानी जैल सिंह ने अलीगर्घ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था। उनसे पहले 1976 में फखरुद्दीन अली अहमद समारोह में शामिल हुए थे।