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गोरखपुर में विशेष लिक्विड फव्वारे से कोरोना जंग जीतने की तैयारी, तीन सेंकेड में सैनिटाइज

समें 200 लीटर का टैंक लगा है, जिसमें हाइड्रोजन पराक्साइड या सोडियम हाइपो क्लोराइड का कंस्ट्रेट मिश्रण लिक्विड के रूप में भरा हुआ है.

Updated on: 04 Apr 2020, 05:04 PM

गोरखपुर:

कोरोना वायरस से जंग के लिए मुख्यमंत्री योगी के गृह-जनपद गोरखपुर में बड़ी तैयारी की जा रही है. शहर के महेवामंडी द्वार पर संक्रमण को नष्ट करने के लिए डिसइंफेक्शनल टनल स्थापित किया गया है. यह एक सुरंगनुमा द्वार है. इस क्षेत्र से आने-जाने वाले हर व्यक्ति इससे गुजरना पड़ेगा. तीन-चार सेकेंड तक विशेष लिक्विड का फव्वारा होगा, जो वायरस को खत्म करने में मदद करेगा. गोरखपुर के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि इसे गोरखपुर में ही तैयार किया गया है. इसमें 200 लीटर का टैंक लगा है, जिसमें हाइड्रोजन पराक्साइड या सोडियम हाइपो क्लोराइड का कंस्ट्रेट मिश्रण लिक्विड के रूप में भरा हुआ है.

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घोल मानव शरीर के लिए नुकसान दायक नहीं

इसका छिड़काव होगा. यह 6 से 7 घंटे काम करेगा. जैसा कि अध्ययन में मिला है कि लिक्विड हाइड्रोजन पराक्साइड और सोडियम हाइपो क्लोराइड डिसइन्फेक्शन की तरह काम करता है. यह दोंनों एन्टी वायरल है. यह घोल मानव शरीर के लिए नुकसान दायक नहीं है."नगर आयुक्त ने बताया, "इसमें एक पम्प लगा है. इसके अलावा इसमें तीन चार स्प्रे लगे हैं. अभी इसका ट्रायल चल रहा है. अगर यह सफल हुआ तो इसे आगे पूरे शहर में लगाया जाएगा. इसे बनाने करीब 50 हजार का खर्च आया है. ट्रायल के तौर पर अभी महेवा मंडी कार्यालय के बाहर स्थापित किया गया है. यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति इस सुरंगनुमा द्वार के अंदर से गुजरना पड़ेगा जो कि तीन-चार सेंकेड में सैनिटाइज कर देगा."

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 कोरोना रोकने में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा

उन्होंने बताया, "इसमें लगे चार फव्वारे लोगों को तीन चार सेकेंड में पूरे शरीर को सैनिटाइज कर देंगे. जिससे हर प्रकार के वायरस मर जाएंगे. यहां पर व्यापरियों की काफी संख्या होती है. उसे देखते हुए इसे लगाया जा रहा है. यह टनल कॉरपोरेट सोशल रिस्पांस्बिलिटी (सीएसआर) फंड से लगाया जा रहा है. यह कोरोना रोकने में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा."अंजनी ने बताया, "ऐसा अभिनव प्रयोग यहां पर पहली बार हो रहा है. इससे पहले इसका प्रयोगचीन, तुर्की और रूस और भारत में तमिलनाडु में हो रहा है. दूसरे देशों में यह काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है. इसीलिए इसका प्रयोग किया जा रहा है. इसे सबसे पहले जरूरत का समान आपूर्ति वाले क्षेत्र मंडी स्थल पर लगाया है, चूंकि यहां पर व्यापारियों या अन्य लोगों की काफी संख्या होती है. वह इससे गुजरेंगे और पूर्णतया सैनिटाइज भी हो सकेगे.