नेवी में लेफ्टिनेंट पद पर तैनात प्रतापगढ़ का लाल शहीद
नेवी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात प्रतापगढ़ जिले कलाल योगेश त्रिपाठी उत्तराखंड हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए. इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
प्रतापगढ़:
नेवी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात प्रतापगढ़ जिले कलाल योगेश त्रिपाठी उत्तराखंड हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए. इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मां, भाई और भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. जेठवारा थाना क्षेत्र के बलीपुर पर्सन गांव निवासी योगेश त्रिपाठी वर्ष 2001 में नेवी में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए थे और वह मौजूदा समय में पर्वतारोहण के लिए उत्तराखंड के चमोली जनपद में गए थे, जहां नौसेना के 10 सदस्य दल को 15000 फीट ऊंचे माउंट त्रिशूल पर चढ़ना था.
चमोली में भूस्खलन हो रहा था. पर्वतारोहण के दौरान अचानक योगेश अपनी टीम से बिछड़ गए. सेना ने स्थानीय प्रशासन की मदद से उनकी तलाश की. शनिवार की देर शाम उनका पार्थिव शरीर भूस्खलन के मलबे में दबा मिला, जिसकी जानकारी उनके पैतृक गांव में जब परिजनों को हुई तो कोहराम मच गया. वहीं, शहादत की खबर मिलने पर गांव में भी मातम पसरा हुआ है. नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि योगेश त्रिपाठी का शव दिल्ली में परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा, जिसके बाद रविवार शाम या सोमवार सुबह तक शहीद का पार्थिव शरीर प्रतापगढ़ उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा.
पढ़ाई-लिखाई में बचपन से ही होनहार योगेश त्रिपाठी को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड से सम्मानित भी किया गया था. योगेश पर्वतारोहण और साइकिलिंग में दर्जनों मेडल प्राप्त कर चुके थे. गिनीज बुक में भी उनका नाम दर्ज कराने को लेकर सरकार ने पत्र लिखा था, लेकिन उसके पूर्व ही योगेश त्रिपाठी जिंदगी की जंग हार गए.
प्रतापगढ़ जिले के लाल लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश त्रिपाठी के साथ त्रिशूल पर्वत पता करने गए थे. तीन अन्य जवानों के भी शहादत की खबर है, जिसमें लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव ,लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम शामिल हैं.
जवानों की शहादत पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और इस त्रासदी में शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित किया है. वहीं, माउंट त्रिशूल हादसे पर सीडीएस बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने भी दुख जताया है. जवानों को पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर के जरिए नेवी सेंटर के बाद उनके घर भेज दीजिएगा.
योगेश के भाई हरदोई में शिक्षक हैं, जबकि उनकी भाभी भी लखनऊ में शिक्षिका हैं और माता पिता लखनऊ में ही रहते हैं. योगेश अपने चारों बहनों का लाडला था और दिसंबर में उनके शादी के लिए तैयारी जोर शोर से चल रही थी, लेकिन अचानक शहादत की खबर से जिले के लोग शोकाकुल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा है.
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