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दंगाइयों से हर्जाने वसूलेगी योगी सरकार, पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी अध्यादेश पर कैबिनेट ने लगाई मुहर

दंगाइयों से वसूली का कानून बनाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था. योगी सरकार ने अध्यादेश की मंजूरी दे दी है.

Updated on: 13 Mar 2020, 11:29 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना वसूली करेगी. इसके लिए योगी सरकार (Yogi Adityanath) ने दंगाइयों से वसूली के कानून बनाया है. दंगाइयों से वसूली का कानून बनाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था. योगी सरकार ने अध्यादेश की मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी रिकवरी अध्यादेश पारित हो गया. अब इस कानून के तहत दंगाइयों से वसूली की जाएगी.

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उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश जारी

योगी सरकार ने पोस्टर मामले में अध्यादेश जारी कर दिया है. कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो गया है. उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश जारी कर दिया है. किसी आंदोलन धरना प्रदर्शन में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा, तो उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी में की जाएगी. इसके लिए नियमावली तैयार की जाएगी, फिलहाल अध्यादेश लाया गया है.

पोस्टर लगाने के मामले में आया नया मोड़ 

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लखनऊ में CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के मामले में नया मोड़ आया है. मामले में हाईकोर्ट ने पोस्टर हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लार्जर बेंच में स्थानांतरित कर दिया. इस बीच योगी सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी अध्यादेश पारित करा लिया है. 

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20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी की गई थी

प्रदेश में सीएए के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी की गई थी. करोड़ों की सार्वजनिक व निजी संपत्ति को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था. प्रदेश सरकार ने इसे लेकर वसूली की प्रक्रिया शुरू की है. इससे हालांकि सीआरपीसी के प्रावधान के तहत किया जा रहा था लेकिन वसूली में कुछ विधिक दिक्कतें आ रही थीं. इस मद्देनज़र सरकार ने दंगे के दौरान हिंसा के आरोपियों के पोस्टर भी लगाए थे जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे. इसके खिलाफ प्रदेश सरकार फिलहाल सुप्रीम कोर्ट गई हुई है.