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Chandauli ( Photo Credit : गूगल)
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा रही है, हर रोज संक्रमितों के साथ मृतकों की संख्या की बढ़ रही है. वही बहुत से लोग ऐसे में जो संक्रमण की डर की वजह से अपनों से दूर हो रहे हैं, और मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए आगे तक नहीं आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के चंदौली में इस तरह का मामला सामने आया है. जहां अपनों के ठुकराने पर यूपी पुलिस मसीहा बनकर सामने आई और शव का अंतिम संस्कार किया. पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है. जहां ज्योत्सना उपाध्याय का शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया. जो कि पिछले कई बीमार चल रही थी. लेकिन शनिवार को कोरोना काल में हुई मौत के चलते लोगों ने अंतिम संस्कार करना तो दूर दरवाजे पर भी नहीं गए. वहीं वृद्ध पति जयशंकर पत्नी की मौत और परिस्थितियों से असहाय नजर आए. जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया, तो उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम डायल 112 पर फोन किया. घटना के बाबत जानकारी देते हुए मदद मांगी.
इस कोरोना काल में यूपी पुलिस ने एक बार फिर संवेदनशीलता दिखाई. सूचना के बाद तत्काल सदर कोतवाल अशोक मिश्रा पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे, और घंटों से घर में पड़े वृद्ध के शव को बाहर निकाला. जिसके बाद बॉडी को प्लास्टिक से कवर करते हुए सील किया. पुलिस की इस पहल को देख इक्का दुक्का ग्रामीण भी आगे आये. यहीं नहीं पुलिस ने जवानों ने वृद्ध महिला के अर्थी को कंधा देते हुए शव वाहन की मदद से बलुआ घाट पर भेजवाया. दरअसल, मृतका ज्योत्सना और जयशंकर उपाध्याय का कोई संतान नहीं था. एक कच्चे मकान में छोटी सी दुकान के सहारे आजीविका चलाते थे.लेकिन ऐसे समय में जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया.तो पुलिस फरिश्ता बनकर आई अंतिम संस्कार कराया. चुकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं तो पुलिस ने अपनी तरफ से अंतिम संस्कार में आने खर्च के लिए आर्थिक सहायता के साथ ही घाट पर समुचित व्यवस्था कराई.
HIGHLIGHTS
- वृद्ध पति जयशंकर पत्नी की मौत और परिस्थितियों से असहाय नजर आए
- अपनों के ठुकराने पर यूपी पुलिस बना मसीहा और शव का अंतिम संस्कार किया
Source : News Nation Bureau