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पैसा दुगना करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया खुलासा, जानें कैसे पहुंची पुलिस टीम इन तक

सर्विसलांस टीम की सूचना पर एसओजी और शहर कोतवाली पुलिस ने रेलवे स्टेसन के पास से सत्ता के झंडा लगे सफेद स्कार्पियो के साथ नोट बदलने व पैसे दुगना करने आए 4 लोगों को धर पकड़ा.

Updated on: 06 Jan 2019, 03:58 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में रविवार को पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी. सर्विसलांस टीम  की सूचना पर एसओजी और शहर कोतवाली पुलिस ने रेलवे स्टेसन के पास से सत्ता के झंडा लगे सफेद स्कार्पियो के साथ नोट बदलने व पैसे दुगना करने आए 4 लोगों को धर पकड़ा. टीम ने उनके पास से नकली नोट व साथ में चोरी की सफेद स्कार्पियो को जब्त कर लिया है. आपको बता दें कि जनपद में नकली नोट देकर चूरन वाले नोट दिए जाने की कई ऐसी घटनाएं हो चुकी थीं जिससे पुलिस के माथे पर बल पड़ गए थे. ऐसे में पुलिस अधीक्षक की नेतृत्व में एक अलग से टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी मऊ कर रहे थे.

कई दिन से सर्विलांस पर संदिग्ध नंबरों की रेकी किए जाने के बाद बीते शाम सर्विलांस टीम को एक संदिग्ध नंबर से असली नोट के बदले नकली नोट दिए जाने के बातचीत सुनाई दी. जिसके बाद पूरी की पूरी टीम सक्रीय हो गई और कॉल किये गए नंबरों को ट्रेस करते हुए उनकी डिटेल निकाली तो पता लगा कि यह एक अंतर प्रांतीय ग्रुप है, जो कि बिहार से लगे बलिया, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ और मिर्जापुर में भी सक्रिय रहा है.

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इनका काम यह होता था कि यह लोग पहले शिकार को अपने जाल में कुछ नकली नोट प्रिंटिंग मशीन से छापे गए दिखा कर उसकी सत्यता को परखवा लेते थे. फिर उसके बाद डील तय हो जाती थी कि एक लाख असली के बदले दो लाख के नकली नोट आपको दिए जाएंगे और शिकार नकली नोट को असली की तरह देखकर उनके झांसे में आ जाता था. फिर होती थी इनके बीच में रस्साकशी की कैसे इस नकली दो लाख को भी बचाया जाए. इसके लिए उन्होंने भारतीय बच्चों का बैंक जिसे कि हम आम बोलचाल में "चूरन वाले नोट" कहा जाता है का उपयोग करते थे यह लोग ऊपर और नीचे प्रिंटिंग मशीन के द्वारा छापे गए दो- दो हजार के नोट उसके बाद बीच में चूरन वाले नोट लगाकर गड्डी तैयार करते थे. उसके बाद शिकार से पहले एक लाख के असली नोट लेकर दो लाख के नकली नोट थमा कर तुरंत फ़ुर्र हो जाते थे.

हालांकि पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन लोगों का पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास या कहीं पर कोई मुकदमा अब तक दर्ज नहीं है. लेकिन यह काफी अरसे से इस कार्य में लिप्त थे और ठगा हुआ व्यक्ति बदनामी के डर से सामने नहीं आ पाता था. अब इनसे पूछताछ की जा रही है शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल गाड़ी सीज कर दी गई है और अभियुक्तों को संबंधित धाराओं में जेल भेजा जा रहा है.