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फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइन में गुजारे 3 दिन, एक गलती ने खोल दी सारी पोल-पट्टी

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने एक ऐसी युवती को गिरफ्तार किया है, जो खुद को यूपी पुलिस में दरोगा बताकर बीते तीन दिन से पुलिस लाइंस में रह रही थी.

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Dalchand Kumar
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फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइन में गुजारे 3 दिन, एक गलती ने खोल दी सारी पोल-पट्टी

आरोपी युवती

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दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने एक ऐसी युवती को गिरफ्तार किया है, जो खुद को यूपी पुलिस में दरोगा बताकर बीते तीन दिन से पुलिस लाइंस में रह रही थी. हैरान करने वाली बात यह है कि बिना थाने में आमद कराए उसने गाजियाबाद पुलिस लाइन की महिला सिपाही की बैरक में रहना शुरू कर दिया और यहां तैनात अधिकारियों को उसका झूठ पकड़ में नहीं आया. लेकिन अपने बैरक में ज्यादा समय बिताने के चलते महिला बैरक की कुछ महिला सिपाहियों को उस युवती पर शक हो गया और फिर जांच में युवती के फर्जी दरोगा होने की असलियत सामने आ गई. जिसके बाद युवती को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अब पुलिस अधिकारी पूरे मामले की ज्यादा जानकारी में जुटे हैं.

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कविनगर थाना पुलिस ने बीते शुक्रवार को आरोपी युवती और एक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया और उसे गाजियाबाद पुलिस लाइन से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. गिरफ्तार युवती यूपी के रामपुर की रहने वाली है. पिछले तीन दिनों से फर्जी तरीके से खुद को दरोगा बता पुलिस लाइन की महिला बैरक में रह रही थी. डिप्टी एसपी आतिश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी युवती की पहचान 21 वर्षीय प्रभजोत कौर के रूप में हुई है, जो रामपुर के बिलासपुर की रहने वाली है. 3 दिन पूर्व बीते बुधवार शाम युवती पुलिस लाइंस में रघुवेंद्र नाम के व्यक्ति के साथ आई थी, जिसे वह अपना पिता बता रही थी. प्रभजोत ने खुद को दरोगा बताते हुए कहा कि वह मुरादाबाद से यहां ट्रांसफर हुई है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है. जब तक उसके रहने का कोई इंतजाम नहीं होने तक उसे पुलिस लाइन में बैरक में रहने दिया जाये. जिसके बाद उसे महिला बैरक में रहने दिया गया था.

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युवती दरोगा की वर्दी पहन कर बीते बुधवार शाम गाजियाबाद पुलिस लाइन पहुंची थी और खुद को दरोगा बता बैरक में रहने के लिए कहा था. जिसकी वजह से वहां तैनात पुलिस कर्मी भी धोखा खा गये और उसे रहने के लिए महिला बैरक उपलब्ध करा दी गयी. मिली जानकारी के अनुसार युवती के साथ एक अन्य शख्स भी आया था, जिसे वह अपना पिता बता रही थी. लेकिन यहां रहने के दौरान जब युवती थाने में आमद कराने नहीं गयी और ज्यादा समय बैरक में बिताने लगी तो उसकी गतिविधियां देखकर पुलिस लाइन गाजियाबाद के प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) को मामले की जानकारी दी गयी और फिर पूछताछ में सारी सच्चाई सामने आ गई. पूछताछ में युवती अपना आई कार्ड भी नहीं दिखा पायी और ना ही अपना पीएनओ नम्बर बता पायी. वहीं विजयनगर थाने में तैनाती की बात भी जांच में फर्जी निकली. जिसके बाद पुलिस की जांच में युवती द्वारा किया जा रहा फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया और युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

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हालांकि इस फर्जीवाड़े को पकड़ने में यहां तैनात अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को तीन दिन लग गये जो इनकी लापरवाही को साफ दिखाता हैं. अब पुलिस अधिकारी पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं कि युवती के यहां ठहरने का मकसद क्या था और क्यों फर्जीवाड़ा कर कर वो यहां रुकी थी. पुलिस अब इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि कहीं युवती ने कही कोई ठगी की घटना को तो अंजाम नहीं दिया था.

Source : सोनू अरोड़ा

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