आरुषि गैंगरेप हत्याकांड में तीनों गुनहगारों को फांसी, जुर्माना भी लगाया
छात्रा ट्यूशन पढ़कर घर लौटते समय अगवा की गई थी. इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया गया फिर हत्या कर दी गई.
highlights
- ट्यूशन से घर लौट रही छात्रा को किया गया था अगवा
- फिर चलती कार में गैंग रेप कर हत्या कर दी गई
- इस मामले ने सियासी तूल भी पकड़ा था
बुलंदशहर:
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बुलंदशहर के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला आया है. केस में पॉक्सो कोर्ट (Pocso Court) ने तीनों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई है. तीनों अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया गया है. छात्रा के परिजनों ने कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत करार दिया है. गौरतलब है कि इस पूरी घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया था. चलती कार में गैंगरेप और हत्याकांड की घटना से पुलिस (UP Police) के भी होश उड़ गए थे. मामले में सिकंदराबाद निवासी आरोपी इजराइल, जुल्फिकार और दिलशाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
ट्यूशन से लौटते वक्त किया गया छात्रा को अगवा
गौरतलब है कि 2 जनवरी 2018 को नगर के चांदपुर रोड की रहने वाली इंटरमीडिएट की 17 वर्षीय छात्रा का कार सवार तीन युवकों ने अपहरण कर लिया था. वह ट्यूशन पढ़कर घर लौटते समय अगवा की गई थी. इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया गया फिर हत्या कर दी गई. चलती कार में एनएच H-91 पर आरुषि के साथ बारी-बारी से दरिंदगी की गई थी. 4 जनवरी 2018 को दादरी कोतवाली क्षेत्र के रजवाहे में आरुषि का अज्ञात शव पड़ा मिला था. पुलिस जांच के बाद शव की शिनाख्त हुई और गैर समुदाय के तीन दरिंदों को परिजनों ने गैंगरेप और हत्या में नामजद कराया था. अब दो वर्ष की सुनवाई के बाद कोर्ट से आरुषि को इंसाफ मिल गया है. मां ने कहा कि वह दरिंदों को फांसी पर लटकता देखना चाहती हैं.
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पुलिस को लापरवाही पर लगी थी फटकार
केस की सुनवाई के दौरान पुलिस की लापरवाही भी सामने आई और उसे अदालत से फटकार भी मिली. तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने सील किए माल को कोर्ट में पेश नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि यह माल केस के निस्तारण के लिए अहम सबूत होता है. मामले में कोर्ट ने एसएसपी को पत्र लिखने की चेतावनी भी दी. दरअसल तत्कालीन चौकी प्रभारी दलवीर सिंह अपने बयान दर्ज कराने कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने जब उनसे घटनास्थल पर सील किए गए माल (छात्रा की चप्पल, बैग, किताबें, बोतल आदि सामान) के बारे में पूछा तो पता चला कि वह इसे लेकर ही नहीं आए हैं. इस पर न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर की और इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखने की चेतावनी दी.
घटना से दहल गया था प्रदेश
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माता-पिता ने न्याय की जीत बताया
पुलिस द्वारा जांच पूरी कर तीनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया था. अपर सत्र न्यायाधीश/ पॉस्को एक्ट राजेश पाराशर ने तीनों आरोपियों को नाबालिग छात्रा को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप कर हत्या करने का दोषी करार दिया था. बुधवार को न्यायाधीश ने केस में फैसला सुनाते हुए तीनों अभियुक्तों को फांसी और अर्थदंड की सजा सुनाई. मामले में सिकंदराबाद निवासी आरोपी इजराइल, जुल्फिकार और दिलशाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
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