PM Modi in Gorakhpur : पीएम मोदी ने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में कही ये 10 बड़ी बातें
PM Narendra Modi Visit Gorakhpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में आयोजित गीता प्रेस के शताब्दी समारोह को संबोधित किया और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ किया.
गोरखपुर:
PM Narendra Modi Visit Gorakhpur : पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह को संबोधित किया और गोरखपुर लखनऊ के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा कि इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा विकास भी-विरासत भी की नीति का अद्भुत उदाहरण है. गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा. आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है.
- वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधा और सहुलियत की एक नई उड़ान दी है. मुझे आज देश के कोने-कोने से नेता चिट्ठियां लिखकर कहते हैं कि हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत ट्रेन चलाइए. ये वंदे भारत का क्रेज है.
- गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो केवल एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है. करोड़ों लोगों के लिए गीता प्रेस का कार्यालय किसी मंदिर से जरा भी कम नहीं है.
- इसके नाम में भी और काम में भी गीता है और जहां गीता है वहां साक्षात कृष्ण है. जहां कृष्ण है वहां करुणा भी है, कर्म भी है. वहां ज्ञान का बोध भी है और विज्ञान का शोध भी है.
- गीता प्रेस के रूप में 1923 में यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है.
- गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती है.
- गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है. गीता प्रेस एक तरह से 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिनिधित्व करती है.
- गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर ये समय अपनी विरासत पर गर्व करने का है. आज एक ओर भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में नए रिकॉर्ड बना रहा है. तो साथ ही, सदियों बाद काशी में विश्वनाथ धाम का दिव्य स्वरूप भी देश के सामने प्रकट हुआ है.
- आज़ादी के 75 साल बाद भी नौसेना के झंडे पर गुलामी के प्रतीक चिह्न को ढो रहे थे... हमने अपनी धरोहरों, भारतीय विचारों को वह स्थान दिया जो मिलना चाहिए, इसलिए भारत की नौसेना के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का निशान दिखाई दे रहा है.
- गुलामी के दौर का राजपथ, कर्तव्यपथ बनकर कर्तव्य भाव की प्रेरणा का एहसास दे रहा है.
- विदेशी आक्रांताओं ने हमारे पुस्तकालय को जलाया था. अंग्रेजों के समय में गुरुकुल और गुरु परंपरा को नष्ट कर दिया गया था.
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