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गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया...काशी में PM विपक्ष पर बरसे

PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी। लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला।

Updated on: 23 Dec 2021, 04:01 PM

नई दिल्ली:

PM Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi in Varanasi ) ने आज यानी गुरुवार को उत्तर प्रदेश ( UP Assembly Election 2022 ) के वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज वाराणसी और आसपास का ये पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और पूरे उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है. हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है. गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूजनीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है. आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है. ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है. भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी. लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला. हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है. 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45% बढ़ा है. आज भारत दुनिया का लगभग 22% दूध उत्पादन करता है. मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है. प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की हमारी सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति से किसानों और पशुपालकों का साथ दे रही है. आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है, वो भी सरकार और सहकार की इसी भागीदारी का प्रमाण है. आज देश की बहुत बड़ी जरूरत, डेयरी सेक्टर से जुड़े पशुओं से जो अपशिष्ट निकलता है, उसके सही इस्तेमाल का भी है. रामनगर के दूध प्लांट के पास बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण ऐसा ही एक बहुत बड़ा प्रयास है. एक समय था जब भारत में प्राकृतिक खेती होती थी.

उन्होंने कहा कि जो खेत से मिल रहा है, खेती में जुड़े पशुओं से मिल रहा है, वही तत्व खेती को बढ़ाने के काम आते थे. लेकिन समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया. धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा. सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को जागरूक करने के लिए बहुत बड़ा अभियान भी चला रही है. मैं मेरे किसान भाइयों बहनों से, विशेषकर छोटे किसानों आज किसान दिवस पर आग्रह करूंगा कि आप प्राकृतिक खेती की तरफ आगे बढ़ें. गांवो को, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बहुत बड़ी भूमिका है. यूपी के 75 जिलों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हो चुकी हैं. इसमें से करीब 21 लाख परिवारों को आज ये दस्तावेज दिए गए हैं. पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में दिख रहा है.

आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो 'भव्य काशी-दिव्य काशी' अभियान को और गति देंगे। मैं जब काशी के, यूपी के विकास में, डबल इंजन की डबल शक्ति की बात करता हूं तो कुछ लोगों को कष्ट ज्यादा ही हो जाता है. ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश को सिर्फ जाति, मजहब, पंथ, के चश्मे से ही देखा.
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भाषा भी उनके सिलेबस, उनकी डिक्शनरी से बाहर है. उनके सिलेबस में, उनकी डिक्शनरी में, उनकी सोच में है- माफियावाद, परिवारवाद. उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं. लेकिन सिर्फ अपना स्वार्थ सोचने वालों को यूपी का विकास पसंद नहीं आ रहा है. हालात तो ये हैं कि इन लोगों को पूर्वांचल के विकास से, बाबा विश्वनाथ धाम से भी आपत्ति होने लगी है. उत्तर प्रदेश को दशकों पीछे धकेलने वाले इन लोगों की नाराजगी अभी और बढ़ेगी. जिस तरह पूरे यूपी के लोग हमें आशीर्वाद दे रहे हैं और जैसे-जैसे आशीर्वाद बढ़ता जाता है. उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचेगा. भारत में 60% से अधिक पात्र आबादी को कोरोना टीके के दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं.  आप भी अपनी बारी आने पर टीका अवश्य लगवाएं और देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान करें.